पटना : कांग्रेस के छह में से चार विधान पार्षदों के जेडीयू में शामिल होने के बाद अब कांग्रेसी विधायक भी बगावती तेवर अख्तियार करने के मूड में है जो जल्द ही सामने आयेगा| गौरतलब है कि विधान परिषद के कार्यवाहक सभापति हारून रशीद ने अशोक चौधरी, दिलीप चौधरी, रामचंद्र भारती और तनवीर अख्तर जैसे चार कांग्रेस सदस्यों को जदयू की सदस्यता लेने के आवेदन को स्वीकार कर मान्यता प्रदान कर दी है| इसके बाद अब बिहार के सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस के 27 विधायकों में से दो तिहाई विधायक कभी भी कांग्रेस से किनारा कर सकते हैं|
छह में से चार एमएलसी का एक साथ कांग्रेस पार्टी से किनारा किये जाने जैसे बड़े झटके को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी सहन नहीं कर पाये और आनन-फानन में अशोक चौधरी के समर्थकों को निशाने पर लेते हुए पार्टी के विभिन्न पदों और प्रकोष्ठों में बैठे आठ नेताओं को प्राथमिक सदस्यता अनुशासनहीनता तथा पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण निलंबित कर दियासस्पेंड करने का फरमान सुना दिया| निलंबित किये गए ये नेता पिछले पांच माह से पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे थे|
उधर, राजनीतिक जानकारों की मानें, तो विधान पार्षदों के बगावती तेवर के बाद बिहार कांग्रेस में अभी और ज्यादा उथल-पुथल देखने को मिलेगी| विधान पार्षदों की राह पर अब विधायक भी चलने का मन बना रहे हैं| पार्टी के अंदर के विश्वसनीय सूत्र कहते हैं कि बड़ी टूट की संभावना लगातार बनी हुई है, बस कुछ विधायकों को पार्टी का परमानेंट प्रदेश अध्यक्ष मिलने का इंतजार है. उसके बाद पार्टी में बड़ी टूट हो सकती है और कई विधायक, यहां तक दो तिहाई भी पार्टी छोड़ सकते हैं| लोगों का मानना है कि कौकब कादरी प्रदेश कांग्रेस को अच्छी तरह से हैंडल नहीं कर पा रहे हैं| यही स्थिति रही, तो पार्टी में एक और बड़ी टूट हो सकती है|