पश्चिम बंगाल के बाद त्रिपुरा से भी लेफ्ट की रवानगी, शून्य से शिखर पर पहुंची भाजपा

रिपोर्ट: शंखनाद डेस्क

अगरतला/कोहिमा/शिलाॅन्ग: वर्ष 2013 के त्रिपुरा विधानसभा के चुनावी नतीजों में शून्य पर सिमटनेवाली भाजपा ठीक 5 साल बाद आये चुनावी नतीजों में शिखर पर पहुँचते हुए त्रिपुरा विधानसभा के 60 सीटों में 35 सीटें हासिल करने में कामयाबी हासिल की है| इसे मोदी सरकार के विकासात्मक कार्यों की करिश्मा कहे या लेफ्ट के शासन से परेशान त्रिपुरावासियों के सबब का नतीजा| इतना तो साफ़ है कि जनता के प्रचंड समर्थन के कारण भाजपा अपने दम पर त्रिपुरा में सरकार बनाएगी बल्कि पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के आये नतीजों ने देश के सियासी नक्शे को ही बदलकर रख दिया है|  त्रिपुरा में 25 साल से लगातार सरकार चला रहे वामपंथ के किले को भाजपा न सिर्फ ढहा दिया है बल्कि यहां 35 साल में अपनी सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज कर है|  ऐसा पहली बार हुआ है जब बीजेपी ने लेफ्ट की पकड़ वाले राज्य में उसे सत्ता से बाहर कर दिया।

नगालैंड में भी सरकार बनाने के समीकरण बीजेपी के पक्ष में नजर आ रहे हैं। मेघालय में असमंजस है, लेकिन बीजेपी को वहां भी सरकार बनाने का भरोसा है। अब देश के 29 में से 19 राज्यों में बीजेपी या उसके गठबंधन की सरकार है।


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