पटना : असली देशी पार्टी ने मैट्रिक परीक्षा में बिहार, जिला एवं स्कूल टॉपर छात्र/छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराए नीतीश सरकार| पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने यह मांग करते हुए कहा है कि मैट्रिक परीक्षा में टॉप करनेवाले अधिकांश विद्यार्थी किसान एवं निर्धन परिवारों से आते हैं| आर्थिक तंगी के कारण ऐसे मेधावी छात्रों को आगे की पढ़ाई में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो, इसलिए सरकार को तत्काल इस संबंध में फैसला लेनी चाहिए| उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार लाने के नाम पर सरकारी खजाने का दुरूपयोग हो रहा है| छात्रों के लिए साईकिल, पोशाक, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जैसे अनगिनत योजनायें संचालित है जिसके नाम पर अधिकारियों की मिलीभगत से पैसे का बंदरबाट हो रहा है| श्री यादव ने कहा कि बिहार के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए नीतीश सरकार बजट की सर्वाधिक राशि शिक्षा पर खर्च कर रही है| वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बिहार का बजट करीब दो लाख 11 हजार 761 करोड़ रुपये है, जिसमे से 35 हजार करोड़ से ज्यादा की धनराशि शिक्षा पर खर्च करने का प्रावधान किया गया है|
एडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने कहा कि बिहार के छात्र काफी मेधावी होते हैं| देश भर में आयोजित होनेवाली प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहार के छात्र अपने लगन एवं परिश्रम की बदौलत हमेशा से अव्वल स्थान प्राप्त करते रहे हैं| ऐसी स्थिति में मेधावी एवं जरूरतमंद छात्रों का हौसला अफजाई करने के लिए सरकार को आगे आकर पहल करते हुए उन्हें निःशुल्क उच्च शिक्षा दिलाने की घोषणा करनी चाहिए| हासिल करने में गौरतलब है कि इस वर्ष बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में कुल 80.59 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए हैं। इनमें से 4,03,392 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में, 524217 सेकेंड डिवीजन से और 2,75,402 थर्ड डिवीजन से पास हुए हैं। परीक्षा में 96.20 फीसदी मार्क्स के साथ हिमांशु राज ने टॉप किया है। इस साल 80.59 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं। इस साल बिहार बोर्ड मैट्रिक में कुल 15.29 लाख छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे। इनमें 7.83 लाख लड़कियां थीं।