उपराष्ट्रपति चुनाव: नायडू-गांधी ने फाइल किया नॉमिनेशन, ये है जीत का गणित

रिपोर्ट: ramesh pandey

ई दिल्ली. उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए कैंडिडेट वेंकैया नायडू ने मंगलवार को संसद भवन में नॉमिनेशन फाइल किया। नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज समेत बीजेपी के कई नेता उनके साथ रहे। वहीं, गोपालकृष्ण गांधी ने यूपीए के उम्मीदवार के तौर पर नॉमिनेशन भरा। इसमें सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह समेत अपोजिशन के कई नेता मौजूद रहे। सोमवार शाम बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग के बाद अमित शाह ने वेंकैया के नाम का एलान किया था। वोटिंग 5 अगस्त को होगी। उसी दिन नतीजे आएंगे। मौजूदा उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी का टेन्योर 10 अगस्त को खत्म हो रहा है। कांग्रेस समेत विपक्ष की 18 पार्टियों ने गोपालकृष्ण गांधी को उम्मीदवार बनाया है। राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए कैंडिडेट रामनाथ कोविंद को सपोर्ट कर चुकी ओडिशा की बीजेडी ने इस चुनाव में यूपीए कैंडिडेट गांधी को समर्थन देने का एलान किया है। किसान परिवार से आता हूं... - वेंकैया ने कहा, "मैं संवैधानिक जिम्मेदारियों की रक्षा करूंगा। मैं नरेंद्र मोदी और बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह का आभारी हूं। एआईएडीएमके, टीआरएस समेत कई पार्टियों का भी आभारी हूं। मोदी को 2019 में एक बार फिर से जिताना चाहता था।" - "किसान परिवार से आता हूं। पार्टी से दूर जाने पर भावुक हूं।" - "मैं अपनी जिम्मेदारी समझता हूं। डॉ. राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन, जस्टिस हिदायतुल्ला, शंकर दयाल शर्मा जैसे उपराष्ट्रपतियों की परंपरा में शामिल होकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।" - "मैंने बचपन में अपनी मां को खोया। इसके बाद पार्टी में ही अपनी मां देखी। इस मौके पर सबका धन्यवाद करता हूं।" ये है जीत का गणित - उप राष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोटिंग करते हैं। - उप राष्ट्रपति बनने के लिए 396 वोट चाहिए। - वोट देने वाले: लोकसभा सांसद+राज्यसभा सांसद= 790। - एनडीए के पास 412 सांसद हैं। - नायडू को अन्नाद्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस, टीआरएस और बाकी दलों के सपोर्ट से 500 से ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद है। बीजेपी ने वेंकैया को इसलिए चुना - बीजेपी ने उन राज्यों से उम्मीदवार का चयन किया है, जहां पारंपरिक तौर पर उसका वोट बैंक कमजोर है। पार्टी प्रेसिडेंट अमित शाह ने ऐसी संभावनाओं वाले राज्यों के तौर पर आंध्र प्रदेश, केरल, तेलंगाना और वेस्ट बंगाल की पहचान की थी। - इससे पहले बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए दलित कम्युनिटी के रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाकर सभी को चौंका दिया था। कौन हैं वेंकैया? - 68 साल के वेंकैया का जन्म 1 जुलाई, 1949 को नेल्लोर के चावतापालेम में हुआ था। वेंकैया का नाम सबसे पहले 1972 के जय आंध्र आंदोलन से सुर्खियों में आया था। 1974 में वे आंध्रा यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट यूनियन के नेता चुने गए। इसके बाद वह आपातकाल के दौरान जेपी आंदोलन से जुड़े। आपातकाल के बाद ही उनका जुड़ाव जनता पार्टी से हो गया था। वे 1977 से 1980 तक जनता पार्टी की यूथ विंग के प्रेसिडेंट भी रहे। बाद में वे भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ गए। 1978 से 85 तक वे दो बार विधायक भी रहे। - 1980-85 के बीच वेंकैया आंध्र प्रदेश में बीजेपी पार्टी के नेता रहे।1985-88 तक जनरल सेक्रेटरी रहे। 1988-93 तक राज्य का बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया। सितंबर, 1993 से 2000 तक वे नेशनल जनरल सेक्रेटरी की पोस्ट पर भी रहे। वे 2002 से 2004 के बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रेसिडेंट भी रहे। - वेंकैया पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायजेपी के करीबी थे, जिस वजह से उन्हें वाजपेयी सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री का दायित्व सौंपा गया था। मौजूदा वक्त में वेकैंया नायडू शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूालन और संसदीय कार्य मंत्री हैं। - नायडू चौथी बार राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। अपर हाउस का उन्हें काफी एक्सपीरिएंस है। वो पहली बार 1998 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद 2004, 2010 और फिर 2016 में भी यहां पहुंचे। कई पार्लियामेंट्री कमेटियों में भी नायडू रहे हैं। - उनकी पत्नी का नाम एम. उषा है। उनके परिवार में एक बेटा और दो बेटी हैं। कौन हैं गोपालकृष्ण गांधी? - 71 साल के गोपाल कृष्ण गांधी का जन्म 22 अप्रैल 1946 को हुआ। उनके पिता देवदास गांधी थे। वे महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी के सबसे छोटे बेटे थे। मां का नाम लक्ष्मी था। वे फ्रीडम फाइटर तथा कांग्रेस के सीनियर लीडर सी. राजगोपालाचारी की बेटी थीं। - गोपालकृष्ण 1968 में आईएएस बने। 2004 से 2009 के बीच वो वेस्ट बंगाल के गवर्नर रहे। ये वो दौर था जब 294 मेंबर्स वाली असेंबली में अकेले लेफ्ट के 235 विधायक थे। इसी दौरान बंगाल में सिंगूर और नंदीग्राम जैसे हिंसक आंदोलन हुए। - 2008 में जब सिंगूर हिंसा की आग में जल रहा था तब गोपालकृष्ण गांधी ही थे जिन्होंने बुद्धदेव भट्टाचार्य और ममता को बातचीत के लिए राजी किया। - लेफ्ट की ताकत बंगाल में कम होती गई और ममता बनर्जी नई ताकत के तौर पर सामने आईं। - गांधी सेंट स्टीफंस कॉलेज से निकले हैं। आईएएस बनने के बाद 80 के दशक तक वो तमिलनाडु में तैनात रहे। 1985 से 1987 तक वो वाइस प्रेसिडेंट के सेक्रेटरी रहे। अगले पांच साल तक वो प्रेसिडेंट के ज्वॉइंट सेक्रेटरी रहे। - 1992 से 2003 तक वो कई डिप्लोमैटिक पोस्ट्स पर रहे। 1996 में साउथ अफ्रीका में इंडियन हाईकमिश्नर, 1997 से 2000 तक प्रेसिडेंट के सेक्रेटरी, 2000 में श्रीलंका में हाईकमिश्नर रहे। 2002 के बाद गांधी नॉर्वे और आयरलैंड में एम्बेसडर रहे। - गोपालकृष्ण गांधी की पत्नी का नाम तारा है। उनकी दो बेटियां हैं।


Create Account



Log In Your Account