पटना : भाजपा नेता व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्विटर के जरिये नागरिकता संशोधन विधेयक पर जारी विरोध एवं कर्नाटक उपचुनाव में 15 में से 12 सीटों पर भाजपा का कब्जा होने से संबंधित एक साथ तीन ट्वीट कर विरोधियों पर हमला बोला है| नागरिकता संशोधन बिल एवं कर्नाटक उपचुनाव के नतीजों को अगर सुशील मोदी के नजरिये से देखा जाय तो ...........
1. गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश कर धर्म के आधार पर देश का बँटवारा स्वीकार करने के उस ऐतिहासिक अपराध के परिमार्जन की शुरुआत कर दी, जिसके कारण पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में हिंदू, ईसाई, पारसी अल्पसंख्यकों को लंबे समय तक उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। सरकार जब विभाजन-पीडि़त गैरमुसलिम अल्पसंख्यक शरणार्थियों को न्याय देना चाहती है, तब कांग्रेस और राजद केवल वोट बैंक के लिए बिल का विरोध कर रहे हैं।
2. शशि थरूर का यह मानना सरासर गलत है कि नागरिकता बिल पास होने से जिन्ना के सिद्धांत की जीत होगी। सच तो यह है कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर बंटवारा स्वीकार कर न केवल जिन्ना को वाकओवर दे दिया था, बल्कि शेष भारत पर अपने लंबे शासन के दौरान धर्म के आधार पर भयानक भेदभाव जारी रखा। बिल का विरोध करने के बजाय कांग्रेस को भारत विभाजन के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। नागरिकता बिल जिन्ना के दिये गहरे जख्मों पर मोदी सरकार का मरहम है।
3. कर्नाटक विधानसभा की 15 सीटों पर हुए उपचुनाव में 12 सीटें जीत कर भाजपा ने साबित किया कि वहां सरकार चलाने का जनादेश उसे ही मिला था। उपचुनाव में कांग्रेस को केवल एक सीट मिली और कांग्रेस की मदद से जोड़तोड़ की सरकार बनाने वाले जद-एस का खाता नहीं खुला। उपचुनाव के परिणाम कर्नाटक को राजनीतिक स्थिरता और विकास की राह पर ले जाएंगे।