उन्नाव दुष्कर्म कांड पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त: यूपी के योगी सरकार को कोर्ट ने दिया कई निर्देश

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

उन्नाव दुष्कर्म कांड की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को पीड़ित और उसके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया| इसके साथ ही अंतरिम राहत के तौर पर पीड़ित परिजन को 25 लाख रुपया मुआवजा देने का भी आदेश दिया। वही कोर्ट ने 28 जुलाई को हुए सड़क हादसे की जांच 7 दिन के अंदर जबकि शेष मामलों की जांच 45 दिन के अंदर पूरी करने का सीबीआई को निर्देश दिया है| कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता से जुड़े सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है|

सर्वोच्च अदालत ने उन्‍नाव रेप केस से संबंधित सभी पांच मामलों को यूपी से दिल्‍ली ट्रांसफर करने के आदेश दिए. ये पांच मामले इस प्रकार हैं. पहला मामला- पीड़िता से रेप, दूसरा मामला- पीड़िता से गैंगरेप, तीसरा मामला- पीड़िता के पिता की झूठे केस में गिरफ्तारी और पिटाई. चौथा मामला- पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत. पांचवां मामला-रोड एक्सिडेंट| सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्‍ली में एक विशेष जज मामले की रोजाना सुनवाई करेगा| साथ ही इस मामले का ट्रायल 45 दिन में पूरा करेगा| 

गौरतलब है कि 28 जुलाई को पीड़िता अपने परिवार के साथ कार से उन्नाव से रायबरेली जा रही थी| इस दौरान नम्बर प्लेट पर कालिख लगी एक ट्रक ने सामने से कार को टक्कर मार दी। इस हादसे में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई। हादसे के बाद पीड़िता और उसके वकील वेंटिलेटर पर हैं।

चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान पूछा कि पीड़िता की स्थिति अभी कैसी है। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि वह वेंटिलेंटर पर है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या उसे कहीं शिफ्ट किया जा सकता है? क्या उसे एयरलिफ्ट किया जा सकता है? हम एम्स से इस बारे में पूछ सकते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि पीड़िता की हालत अभी नाजुक है।

दुष्कर्म पीड़िता ने धमकियां मिलने पर चीफ जस्टिस को 12 जुलाई को पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की| आरोप है कि विधायक सेंगर और अन्य ने नौकरी दिलाने के बहाने लड़की से 2017 में सामूहिक दुष्कर्म किया था| उस वक्त वह नाबालिग थी। आरोप है कि पीड़िता के पिता से विधायक ने मारपीट की थी जिनकी पुलिस हिरासत में मौत हो गयी|  पिता की मौत के बाद पीड़िता ने लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की थी। इसके बाद एसआईटी को जांच सौंपी गई थी। अभी जांच सीबीआई के पास है। इस बीच, बुधवार को भाजपा ने विधायक सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया। सेंगर अभी जेल में है।

 


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