पटना : बिहार के सरकारी अस्पतालों में सप्लाई होने वाली जीवनरक्षक दवा बीएमएसआईसीएल के फतुहा, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया गोदाम से करोड़ो रूपये की दवा गायब है। आम आदमी पार्टी बिहार के प्रदेश मीडिया प्रभारी बबलु कुमार प्रकाश ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार सरकार की दवा से यूपी के बच्चों का इलाज हो रहा है। ऐसी स्थिति में सूबे के सरकारी मेडिकल कॉलेज, पीएचसी व रेफरल अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजो को मुफ्त में दवाई कहाँ से मिलेगी ?
बबलु प्रकाश ने कहा कि बिहार में दवा घोटाला पाँच वर्षीय योजना की तरह है। 2014 में करोड़ो रूपये का दवा घोटाला का मामला उजागर हुआ था। विपक्ष में बैठे सुशील मोदी ने खूब हाय-तौबा मचाई थी। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से सीबीआई जांच कराने की मांग तक कर दी थी। बता दें कि 2015 में बीएमएसआईसीएल, फतुहा और मुजफ्फरपुर के गोदाम के स्टॉक से 75 लाख की गड़बड़ी मिली थी। बिहार में लम्बे समय से चिकित्सा उपकरण, दवा की जांच, मरीजो को मिलने वाली सुख- सुविधाओं के नाम घोटालो का खेल चल रहा है। सूबे के उप मुखिया सुशील मोदी चुप्पी साधे हुए हैं। आखिर मोदी जी, करोड़ो रूपये की दवा घोटाला पर चुप क्यों हैं ? सीबीआई से जांच करा कर दोषियों को सजा क्यों नही दिला रहें हैं।
‘आप’ नेता बबलु प्रकाश ने स्वास्थ्य विभाग में बड़ा घोटाला होने की आशंका जाहिर की है। यहां सब कुछ बेहद शातिराना तरीके से फर्जी खेल चल रहा है। दवा कंपनियों को करोड़ो रूपये का फर्जी भुगतान की जा रही है। सप्लाई से लेकर स्टॉक इंट्री तक सभी में धड़ल्ले से फर्जीवाड़ा जारी है| सिविल सर्जन द्वारा जारी यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट की अगर जांच की जाय तो वह फर्जी निकलेगा। सरकारी अस्पतालों में सप्लाई की जाने वाली दवाई खुले बाजार में बेचना आसान नही है। क्योंकि दवा के रेपर पर Bihar Government Supply ओर नोट फॉर सेल लिखी होती है ऐसे में आशंका है कि अधिकारियों से सांठगांठ कर कंपनी थोड़ी बहुत ही दवा सप्लाई करती है।