नई दिल्ली. आमिर खान की फिल्मि 'पीके' के विरोध ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया है। अहमदाबाद और भोपाल में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हिंसक प्रदर्शन किया। अहमदाबाद में आश्रम रोड पर सिटी गोल्ड, सिनेमैक्स और शिव सहित अनेक सिनेमाघरों में तोड़फोड़ की गई।भोपाल में भी एक सिनेमाघर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हेंई रोक दिया। यूपी और छत्ती सगढ़ सहित कई राज्योंक के अलग-अलग शहरों में भी 'पीके' के खिलाफ प्रदर्शन किए गए। विरोध क्यों बजरंग दल सहित कई हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि 'पीके' हिंदू धर्म के बारे में गलत बातें प्रचारित करती है। संगठनों के अनुसार, 'पीके' में भगवान शिव का अपमान किया गया है। फिल्म के एक दृश्य में भगवान शिव पर दूध चढ़ाए जाने का मजाक बनाया गया है और कहा गया है कि इस तरह दूध की बर्बादी होती है। ये दूध गरीब और जरूरतमंदों के बीच बांटा जाना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद के नेता बीएल तिवारी ने कहा कि आमिर जैसे लोगों को इसी देश में कमाई करनी है और हिंदुओं की बुराई भी करनी है। तिवारी के मुताबिक, ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। कोई सीन हटाने से सेंसर बोर्ड का इनकार आमिर खान की फिल्म 'पीके' से कोई दृश्य नहीं हटाया जाएगा। सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन ने फिल्म पर पाबंदी की हिंदू संगठनों की मांग के बीच यह साफ कर दिया है। सैमसन ने कहा, "फिल्म को रिलीज किया जा चुका है। हरेक फिल्म किसी न किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकती है। हम दृश्य हटाकर किसी की रचनात्मकता को खत्म नहीं कर सकते।" महंत आदित्यनाथ ने भी की मांग 'पीके' से विवादित सीन हटाने की मांग करने वालों में गोरखपुर से भाजपा सांसद महंत आदित्यनाथ भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा, "मैंने फिल्म देखी नहीं है, लेकिन अगर इसमें हिंदू धर्म के विरोध में कुछ दिखाया गया है, तो इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती और ऐसे सीन तत्काल हटा लेने चाहिए।" रविवार को बाबा रामदेव ने भी ऐसी ही मांग की थी। रामदेव ने कहा, "फिल्म व फिल्म से जुड़े लोगों का बहिष्कार किया जाना चाहिए। ईसाई या मुस्लिम धर्म के बारे में कुछ कहना या दिखाना हो तो लोग सौ बार सोचते हैं। लेकिन हिंदू धर्म के बारे में बिना कुछ सोचे-समझे जो मन में आता है, वो कह या दिखा देते हैं। यह शर्मनाक है।" वहीं, कई मुस्लिम संगठनों ने भी फिल्म पर प्रतिबंध की मांग का समर्थन किया। रविवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आगरा के सिनेमाघर के सामने विरोध प्रदर्शन किया और यहां लगे फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए। इससे पहले द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था कि अगर हिंदू धर्म के विरोध में दिखलाए जाने वाले सीन वापस नहीं लिए गए, तो वह आमिर खान का सामाजिक बहिष्कार करवाएंगे। उन्होंने लोगों से 'पीके' नहीं देखने की अपील भी की थी। नौ दिन में 214 करोड़ का कारोबार विरोध के बावजूद 'पीके' का बिजनेस चमक रहा है। 19 दिसंबर को रिलीज हुई फिल्म नौ दिन में 214 करोड़ का कारोबार कर चुकी है।