नई दिल्ली। सड़क परिवहन मंत्रालय ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से जोड़ने पर विचार कर रहा है। ऐसा करके खतरनाक ड्राइवरों व कई लाइसेंस रखने वालों की पहचान करने में आसानी होगी। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों कहा था कि दो साल के अंदर देश में ऐक्सिडेंट्स की वजह से होने वाले नुकसान को घटाकर आधा करना सरकार का लक्ष्य है। अभी देश में हर साल करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत सड़क हादसों में हो जाती है। इनमें भी ज्यादातर मामले लापरवाही व शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से होते हैं। ताकि ट्रैकिंग हो आसान कोई ट्रैकिंग सिस्टम न होने की वजह से आदतन अपराधी भी सजा से बच जाते हैं। लाइसेंस जब्त होने पर वे नया लाइसेंस बनाकर फिर से गाड़ी चलाने लगते हैं। ऐसे में मिनिस्ट्री एक ऐसा सिस्टम डेवलप करने की तैयारी में है, जिसके तहत इस तरह के लोगों को ट्रैक किया जा सके। अगर ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड के साथ लिंक कर दिया जाए तो ऐसे नियमों को तोड़ने वालों को ट्रैक करना आसान होगा। एक आधार कार्ड पर एक ही ड्राइविंग लाइसेंस बन सकेगा। बताया जा रहा है कि मंत्रालय ने एनॉलिटिक्स प्लेटफॉर्म तैयार करने वाली कंपनियों से भी बात की है।