मुंबई।संजय लीला भंसाली की 'पद्मावती' के साथ लगातार कॉन्ट्रोवर्सी बनी हुई है। हाल ही में भंसाली का सिर काटने पर 5 करोड़ का इनाम घोषित किया गया है और दीपिका पादुकोण की नाक काटने की धमकी दी गई है। वहीं, अब दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करके फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाने की अपील की गई है। अखंड राष्ट्रवादी पार्टी की ओर दायर हुई याचिका...
अखंड राष्ट्रवादी पार्टी की ओर से दायर की गई इस याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक ऐसे पैनल का गठन किया जाए, जिसमें इतिहासकार और सोशल एक्टिविस्ट शामिल हों। साथ ही इसमें एक मेंबर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) का भी होना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें चित्तौड़ की रानी पद्मावती से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं हुई है।
लॉयर पुनीश ग्रोवर की ओर से दायर की याचिका में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, प्रोड्यूसर वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, डायरेक्टर संजय लीला भंसाली, फिल्म के स्क्रिप्ट राइटर और सीबीएफसी को प्रतिवादी बनाया गया है। कुछ दिनों पहले भी सुप्रीम कोर्ट में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए एक याचिका दायर की गई थी, लेकिन इन्होंने हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए इसे सीबीएफसी पर छोड़ दिया है। बता दें कि 1 दिसंबर को रिलीज हो रही इस फिल्म का करणी सेना विरोध कर रही हैं। इनका आरोप है कि फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच ड्रीम सीक्वेंस दिखाया गया है।