पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त अरब अमीरात में कहा है कि पाकिस्तान में सिखों का मक्का और मदीना है| सिख श्रद्धालु आसानी से वहां पहुंच सके इसके लिए पाकिस्तान उनके पवित्र स्थानों के रास्तों को खोलने का फैसला लिया है| गौरतलब है कि इमरान खान ने साल 2018 के नवंबर माह में पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को जोड़ने वाले गलियारे की आधारशिला रखी थी| यह कॉरिडोर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का अंतिम विश्राम स्थल से भारत के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर तक होगा. इस कॉरिडोर में बिना वीजा के तीर्थयात्री आ जा सकेंगे.
पाकिस्तान के करतारपुर साहिब में सिखों का पवित्र गुरुद्वारा है जिसे 1522 में स्थापित किया गया था. यह सिखों का पहला गुरुद्वारा था जहाँ सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की मृत्यु हुई थी| उल्लेखनीय है कि भारत ने लगभग 20 साल पहले पाकिस्तान को गलियारे का प्रस्ताव दिया था.
संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम के निमंत्रण पर एक कार्यक्रम में शामिल होने इमरान खान वहां पहुंचे थें| कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मक्का और मदीना इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थल हैं और हमारे पास सिखों का मक्का और मदीना है| उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पहली बार 70 देशों के लिए ऑन अराईवल वीजा सुविधा की है. जहां से लोग आकर हवाई अड्डे पर वीजा प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया की आधी सबसे ऊंची चोटियां पाकिस्तान में हैं. पाकिस्तान में सबसे पुराने ऐतिहासिक स्मारक हैं. हमारे पास सिंधु घाटी सभ्यता है, जो 5,000 साल पुरानी है. हमारे पास पेशावर है, जो दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर है और 2,500 साल पुराना है. लाहौर और मुल्तान प्राचीन शहर हैं. हमारे पास गांधार सभ्यता है, जो बौद्ध सभ्यता का उद्गम स्थल था.