Thursday, 19 December 2024, 2:15:40 am

कश्मी र में सरकार बनाने को लेकर भाजपा ने फाइनल की स्ट्रै टजी, पर नहीं किया एलान

रिपोर्ट: साभारः

नई दिल्ली . जम्मू।-कश्मी2र में त्रिशंकु विधानसभा बनने के बाद सरकार कैसे और किसकी बनेगी, इस पर गुरुवार को भी हलचल रही। कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने पीडीपी को जम्मूर-कश्मींर में सरकार बनाने के लिए समर्थन की पेशकश की है। उधर, भाजपा ने सरकार बनाने को लेकर अंतिम रणनीति तय करने की बात कही। हालांकि, पार्टी की ओर से इसका औपचारिक एलान नहीं किया गया। अरुण जेटली ने श्रीनगर में भाजपा विधायकों के साथ अलग-अलग बैठक कर सरकार गठन पर उनकी राय ली। बाद में सभी विधायकों की एक साथ बैठक हुई। अंत में एक प्रस्ताठव पारित किया गया और इसमें सरकार गठन व राज्यब विधायक दल के नेता के बारे में फैसला लेने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को अधिकृत किया गया। अरुण जेटली ने बैठक के बाद पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए कहा कि आम तौर विधायकों में इस बात को लेकर सर्वसम्मनति थी कि राज्य में पार्टी को सरकार बनानी चाहिए। जेटली ने कहा कि सीटों के मामले में हम भले ही दूसरे नंबर पर हों, लेकिन वोट के मामले में हम सबसे आगे हैं। इसलिए सरकार गठन में भाजपा की भागीदारी अहम होगी। उन्हों ने पत्रकारों से कहा कि सरकार बनाने को लेकर हमारी क्याा रणनीति होगी, यह तय हो गया है, लेकिन अभी हम आपको इससे ज्यानदा कुछ बताएंगे नहीं। उमर अब्दु ल्ला की भाजपा नेताओं से मिलने की अटकलें गुरुवार सुबह दिल्लीत में नेशनल कॉन्फ्रें स के नेता उमर अब्दुंल्लात की राम माधव, अमित शाह और अरुण जेटली से मुलाकात की खबरें आई। हालांकि, थोड़ी देर बाद ही राम माधव ने एक ट्वीट करके मुलाकात की खबरों को आधारहीन बताया। भाजपा ने बुधवार को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में तय किया था कि समर्थन जुटाकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की कोशिश की जाए। बैठक खत्म होने के बाद पार्टी महासचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की संभावनाओं पर विचार करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली और अरुण सिंह जम्मू-कश्मीर जाएंगे। वे वहां पार्टी के विधायकों अन्य वरिष्ठ नेताओं से बात करके आगे की रणनीति तय करेंगे। लेकिन उनके जाने से पहले ही गुरुवार को उमर अब्दु ल्लाक दिल्लीे पहुंचे और भाजपा व संघ के नेताओं से मुलाकात की। आंकड़ों का गणित 87 सदस्यीीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बहुमत के लिए 44 सीटें चाहिए। भाजपा के पास 25 और पीडीपी के पास 28 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 12 और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 15 सीटें हैं।


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