पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि 15 जून को आयोजित 2020-21 की पहली राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की बैठक में पिछले वर्ष की राज्य साख योजना की उपलब्धि के साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज व आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज के तहत बिहार में ऋण वितरण की स्थिति की गहन समीक्षा की जाएगी व इस वर्ष के लिए निर्धारित 1.45 लाख करोड़ की राज्य साख योजना के क्रियान्वयन पर विचार किया जायेगा। वर्ष की इस पहली बैठक को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे।
श्री मोदी ने बताया कि बैंकों ने वर्ष 2019-20 के लिए निर्धारित 1 लाख 45 हजार करोड़ की वार्षिक राज्य साख योजना के विरूद्ध वर्ष 2018-19 की तुलना में 4 हजार 182 करोड़ कम यानी 1लाख 5 हजार 400 करोड़ का कर्ज वितरित कर मात्र 72.69 फीसदी ही लक्ष्य हासिल किया, जबकि वित्तीय वर्ष 2018-19 में बैंकों ने 84.29 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर 1 लाख 9 हजार 582 करोड़ का ऋण वितरित किया था।
उन्होंने बताया कि बैठक में वर्ष 2018-19 की तुलना में 2019-20 में कृषि, एमएसएमई सहित अन्य क्षेत्रों में बैंकों द्वारा कम ऋण वितरण व 17 बैंकों तथा 22 जिलों की साख उपलब्धि राज्य साख योजना की उपलब्धि से भी कम रहने की भी समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही बैठक में देश के एमएसएमई प्रक्षेत्र को 3 लाख करोड़ ऋण देने के प्रावधान के तहत बिहार में कितनों को कर्ज मिला के साथ किसान, मछुआरों व दुग्ध उत्पादकों को केसीसी, स्वयं सहायता समूह, फुटपाथी दुकानदारों को कर्ज एव मुद्रा के तहत शिशु लोन तथा ऋण अदायगी हेतु मोरेटोरियम आदि की भी गहन समीक्षा की जायेगी।