डाटा सुरक्षा, साइबर क्राइम जैसी कई समस्याएं न्यायपालिका के समक्ष एक नई चुनौती : PM

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी के सत्य और सेवा-समर्पण को न्यायपालिका की नींव बताया| न्यायिक प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह दशक भारत सहित पूरी दुनिया के सामाजिक, आर्थिक, और तकनीकी सहित हर क्षेत्र में होने वाले परिवर्तन के रूप में अपने स्थापित होगा| यह बदलाव तर्क संगत, न्याय संगत और सभी के हित में होने चाहिए|

न्यायपालिका की नई चुनौतियों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि डाटा सुरक्षा, साइबर क्राइम जैसी अन्य कई नई समस्याएं न्यायपालिका के समक्ष एक चुनौती है| हालांकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इससे निपटने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका में लोगों की बहुत आस्था है| हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय आए हैं जो वैश्विक चर्चा के विषय थे। इन निर्णयों से पहले परिणामों के बारे में कई चिंताएं व्यक्त की जा रही थीं, लेकिन 130 करोड़ भारतीयों ने इन न्यायिक फैसलों को पूरी ईमानदारी एवं शातिपूर्वक इसे स्वीकार किया।

अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन में भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि भारत कई संस्कृतियों और परंपराओं का पिघलने वाला बर्तन है, यह अपनी न्यायिक प्रणाली और संस्थानों के लिए भी उतना ही सच है। हमने उन सभी सभ्यताओं की कानूनी संस्कृतियों को आत्मसात किया है जो हमारे तटों पर आई हैं।


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