Friday, 27 December 2024, 2:02:02 am

जिंदगी में बनाएं प्रेम के लिए जगह

रिपोर्ट: साभारःजयंती रंगनाथन

फिर आ गया प्यार के इजहार का त्योहार। बाजार सज गए हैं, युवा दिल ढूंढ़ने लगा है अपनी मोहब्बत को नई तरह से पेश करने का अंदाज। वेलेंटाइन डे के बदलते स्वरूप के बारे में बता रही हैं, जयंती रंगनाथन उसने अपने प्रेम के लिए जगह बनाई बुहार कर अलग कर दिया तारों को सूर्य-चंद्रमा को रख दिया एक तरफ वनलताओं को हटाया उसने पृथ्वी को झाड़ा-पोंछा और आकाश की तहें ठीक की उसने अपने प्रेम के लिए जगह बनाई —अशोक वाजपेई कनाडा मूल की लेखिका और कुकरी एक्सपर्ट लिंडा एब्सल्यूट ने कुछ दिनों पहले अपने ब्लॉग में बहुत रोचक बात लिखी थी, ‘मेरे शिक्षक पति थॉमसन दूसरों से अलग सोचते हैं। सात साल पहले हमारी शादी हुई। उन्होंने पहले ही बता दिया था कि उनसे मैं वेलेंटाइन डे पर कोई अपेक्षा ना रखूं। वे इसे बाजार का त्योहार मानते हैं। मैं थोड़ी निराश हुई। मैं उस समाज से आई हूं, जहां वेलेंटाइन डे शोर-शराबे के साथ मनाया जाता है। मैंने हर साल अपने डैड को मम्मा को सरप्राइज गिफ्ट देते देखा है। मम्मा इस दिन उनकी पसंद का खाना बनाती थीं और वे दोनों घर पर ही कैंडल लाइट डिनर करते थे। डैड मम्मा के लिए गाना गाते थे। हर साल मां अपने हाथ से बुनी हुई कोई चीज डैड को उपहार में देती थीं। थॉमसन को वेलेंटाइन डे मनाना बेतुका लगता है और मुझे लगता है कि यह प्रेम के प्रदर्शन का नहीं, बल्कि सहेजने का दिन है। मैंने इसका तरीका निकाल लिया। मैं दूसरे लोगों की तरह वेलेंटाइन नहीं मनाती। शादी के पहले साल मैंने अपने घर पर अफ्रीकी मूल के कलाकारों को दावत पर बुलाया। उन्होंने नाच-गा कर ऐसा समा बांधा कि बिना बोले ही हमारा वेलेंटाइन मन गया। पिछले सात सालों से मैं हर बार कोई नया तरीका ढूंढ़ती हूं, जिससे वेलेंटाइन भी मन जाए और थॉमसन को अपने सिद्धांतों के साथ समझौता भी ना करना पड़े। इस साल मेरे पास कोई आयडिया नहीं है। सोचती हूं थॉमसन से सीधे कहूं कि वो मेरे डैड की तरह मेरे लिए गाना गाए और मैं उसके लिए उसकी पसंद का एपल पुडिंग बनाऊं।’ प्रेम की परीकथा हमारे घर-आंगन में 14 फरवरी कब प्रेम के दिन के तौर पर आकर पसर गया, पता ही नहीं चला। पिछले दिनों इंग्लैंड एक वेबसाइट ने नए जोड़ों पर ऑनलाइन सर्वे करके यह नतीजा निकाला कि नई पीढ़ी का वेलेंटाइन डे के प्रति झुकाव पिछले दो सालों में 17 प्रतिशत कम हो गया है। वेलेंटाइन कार्ड की जगह सोशियल साइट्स ने ले ली है। युवा बाहर जा कर खाने के बजाय घर पर अपनी तरह से दिन बिताना चाहते हैं। इस सर्वेक्षण में एक और दिलचस्प बात सामने आई कि युवा अब सिर्फ जोड़ों में नहीं, बल्कि अपने दोस्तों के साथ यह दिन बिताना चाहते हैं। अगर वे बाहर घूमने जाते हैं, तो दोस्त भी शामिल रहते हैं। इस सर्वेक्षण से जुड़े मार्क वॉल कहते हैं, ‘मैं इसे एक बड़े परिवर्तन के रूप में देखता हूं। आज से दस साल पहले वेलेंटाइन डे के दिन मैं होटल, मॉल और टूरिस्ट स्थलों पर सिर्फ जोडियों को देखता था। अब पति-पत्नी हों या प्रेमी-प्रेमिका, सब अपने ग्रुप के साथ मौज-मस्ती करते हैं। इसके पीछे वजह है कि नई पीढ़ी अपने वक्त को बहुत तरजीह देती है और कम समय में बहुत कुछ पाना चाहती है। दोस्तों का समूह आज सबकी प्राथमिकता में है।’ पिछले कुछ सालों से दोस्त भी एक-दूसरे को हैप्पी वेलेंटाइन विश करने लगे हैं। लेखिका और सोशियल वर्कर उर्वी पाठक कहती हैं, ‘हम पांच लड़कियों की मंडली है। हम वेलेंटाइन डे के दिन एक-दूसरे को तोहफे देते हैं और बाहर घूमने जाते हैं। दरअसल हममें से कुछ ने अपने पति और ब्वॉयफ्रेंड के साथ वेलेंटाइन मना कर देखा है। यह बोरिंग होता है। फिर हमारा मानना है कि हर बार हम पुरुषों से ही यह क्यों अपेक्षा करें कि वो हमें तोहफें दें या बाहर ले जाएं? हम भी कमाती हैं, तो क्यों ना अपने ऊपर कुछ पैसे खर्च करें?’ उर्वी का मानना है कि प्रेम एक परी कथा की तरह है, जो कहानियों में अच्छा लगता है, पर असली जिंदगी में हर साल इसका सुखद अंत नहीं हो सकता। बदल रही है सोच मैरिज काउंसलर डॉं गीतांजलि कहती हैं, ‘आज का युवा व्यावहारिक होने के साथ-साथ संवेदनशील भी है। अगर उन्हें रिश्ते निभाने में दिक्कत आ रही है, तो वे निसंकोच काउंसलर की मदद लेते हैं। मेरा मानना है कि वेलेंटाइन डे जैसे उत्सव से रिश्तों में ताजगी आती है। पति-पत्नी सालों से साथ रहते हैं, एक-दूसरे का ख्याल भी रखते हैं। पर, प्यार जैसे शब्दों से परहेज करते हैं। मैंने देखा है कि अगर कभी-कभार दोनों प्यार की बातें कर लें या ‘आइ लव य’ ही कह दें, तब भी उसका गहरा असर पड़ता है। मेरे पास एक अधेड़ महिला काउंसलिंग के लिए आती थी। उसने अचानक अपना ध्यान रखना शुरू किया, बाल काले कर लिए, वजन कम कर लिया, वजह बस इतनी थी कि पति ने उससे कह दिया कि वे उससे कितना प्यार करते हैं। प्यार का अहसास अगर बारहों महीने बना रहे, तो क्या बात है। पर ऐसा होता नहीं है। तो क्यों ना खास दिनों में एक-दूसरे को यह अहसास दिला दिया जाए? कभी-कभी ऐसी छोटी बातें डूबते रिश्तों को पार लगाने का काम कर जाती हैं।’ डॉं. गीतांजलि के अनुसार प्यार में गर्माहट बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है एक दूसरे की इज्जत करना। वे एक किस्सा सुनाती हैं, ‘एक बार पत्नी ने अपने पति से पूछा कि उसे वेलेंटाइन डे के दिन क्या तोहफा चाहिए? तो पति ने जवाब दिया कि वह उसके साथ मीठा बोले, उसकी इज्जत करे, प्यार से देखे, तो यही काफी है। इस पर पत्नी ने जवाब दिया-नहीं, यह नहीं हो सकता, मैं तो गिफ्ट ही दूंगी। अगर दोनों का रवैया एक-दूसरे की तरफ इतना नकारात्मक होगा, तो बेशक वे वेलेंटाइन डे मना लें, फायदा कुछ नहीं होगा।’ लव आज-कल: पांच उपाय अपने साथी की प्यार की भाषा को समझें जरूरी नहीं कि ‘आइ लव यू’ कह कर ही प्यार का इजहार किया जा सकता है। आईटी कंपनी में काम करने वाली गीतिका कहती हैं, ‘मेरे पति जब मेरे लिए दम बिरयानी बनाते हैं, मैं समझ जाती हूं कि वे मुझे आइ लव यू कहना चाहते हैं।’ डॉं. गीतांजलि मानती हैं कि प्यार को महसूस करें, हमेशा बोल कर कहना जरूरी नहीं। अपने साथी को प्राथमिकता पर रखें इश्योरेंस कंपनी में काम करने वाले रजत को यह बाद में समझ आई कि उनकी पत्नी उनसे अचानक रूठ क्यों गई है? रजत ने बीमा कागजातों में नॉमिनी पत्नी को ना बना कर मां को बनाया। पत्नी को लगा कि वह उनकी जिंदगी में कोई स्थान नहीं रखती। अपने साथी को आपको अपना सबसे अच्छा दोस्त बनाना होगा, प्यार के इजहार का इससे अच्छा तरीका और क्या हो सकता है? खुशनुमा बनाएं घर का माहौल हो सकता है आपका परिवार बड़ा हो, आपको साथ रहने का कम मौका मिलता हो। जब भी आप साथ रहें, शिकायतों का पुलिंदा ना खोलें। हंसी-खुशी का माहौल होगा, तो आपके रिश्ते भी सामान्य होंगे। साथ मिल कर खाना बनाइए, गाना गाइए, बागवानी कीजिए। आप दोनों घर के दो सदस्य भर नहीं है, आप जीवनसाथी हैं। इसे महसूस भी कीजिए। भावनाओं को व्यक्त करें अगर आप दोनों में किसी बात पर मनमुटाव हो गया है, तो तुरंत बात करके सुलझा लें। मन में अगर कोई कुंठा है, नाराजगी है तो दूर कर लें। लंबे समय तक किसी बात को मन में रखेंगी, तो रिश्तों में दरार पड़ सकती है। आत्मविश्वास ना खोएं घर-परिवार में अच्छे-बुरे दिन लगे रहते हैं। बीमारी, मेहमान, बच्चों की चिंता, पैसे की चिंता—इन सबके चलते एक-दूसरे से अपना विश्वास ना खोएं। अगर आप टूटने लगेंगी, तो रिश्ते बच नहीं पाएंगे। रिश्तों को हमेशा कड़वाहट से बचा कर चलें।


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