कौन बनेगा करोड़पति 10 के ग्रैंड फिनाले में कभी भावुक तो कभी खुशियों भरे पल देखने को मिला। ग्रैंड फिनाले में कॉमेडी किंग कपिल शर्मा और चंदन प्रभाकर ने दर्शकों को हंसाने में कोई भी मौका नहीं छोड़ा। इसके साथ ही समाज में प्रेरणा का प्रतीक बनकर उभरे रवि कालरा के नेक कामों को भी शो में दिखाया गया।
कौन बनेगा करोड़पति के मंच पर सोमवार रात सीजन 10 का आखिरी दौर खेला गया। इस मौके पर इस शो के अंतिम गेस्ट के रूप में कॉमेडी किंग कपिल शर्मा और चंदन प्रभाकर, और 'द अर्थ सर्वाइवर फाउंडेशन गुरुकुल एनजीओ' के संस्थापक रवि कालरा पहुंचे। शो में कपिल-चंदन की कॉमेडी को देखकर दर्शक लोटपोट हो गए। उन्होंने अपनी मस्ती से अमिताभ बच्चन को अपनी आंखों में आंसू लाने के लिए मजबूर कर दिया। मगर घबराइए नहीं, अमिताभ को कपिल ने दुखी करके नहीं, बल्कि अपनी मस्ती से रुलाया है। शो में जाते ही कपिल ने बिग बी की सीट पर कब्जा कर लेते हैं।
इसके बाद कपिल ने अमिताभ से एक के बाद एक सवाल करते हैं। अमिताभ भी कपिल के सारे सवालों को जवाब देते हैं। लेकिन कपिल के एक सवाल के अमिताभ बच्चन अपनी हंसी नहीं रोक पाते हैं और वह काफी देर तक हसते रहते हैं। कपिल ने अमिताभ से कुछ इस तरह का सवाल करते हैं। कपिल कहते हैं बिजनौर से मोइनुद्दीन साहब का सवाल है ...ये कहते हैं कि अब तो आप द ग्रेट अमिताभ बच्चन हैं। लेकिन स्ट्रगल के दिनों में ऐसा हुआ है कि पैंट टाइट हो जाने पर उसे पीछे से खुलवाया गया हो। ऐसे में होता ये है कि जो हिस्सा खुलता है वो ज्यादा गोरा होता है। कपिल के सवाल को सुनकर अमिताभ बच्चन खुद की हंसी नहीं रोक सके।
कपिल के इस सवाल का जवाब अमिताभ ने बड़े ही फनी अंदाज में दिया। अमिताभ ने सवाल का जवाब देते हुए बोले कि पैंट को ठीक तो आज भी ऐसे कराता हूं। इसकी वजह ये है कि बुढ़ापे में पेट बढ़ रहा है। तो ये सब कराना पड़ता हैकेबीसी पर कपिल के इस मजेदार सेशन का अंत उनके सवालों के साथ हुआ। पूरे स्टूडियो मेंबिग बी के साथ मौजूद हर दर्शक कपिल की कॉमेडी का कायल हो गया। इस शो के लास्ट में अमिताभ बच्चन ने 'आदर, आभार, अभिनंदन' के साथ के एक खास संदेश से इस शो से विदाई ली। अमिताभ बच्चन के खास मैसेज को सुनकर दर्शक मायूस हो गए वहीं बिग-बी भी खुद को इमोशनल होने से नहीं सम्हाल सके। अमिताभ ने अपने हर उस फैन को खास संदेश दिया, जो उन्हें स्टूडियो में बैठकर लाइव देखता-सुनता रहा और टीवी पर टकटकी लगाए देखता रहा।
उन्होंने कहा, 'देवियों और सज्जनों हर दौर के आखिर में मुझसे ये सवाल पूछा जाता है कि कल से जब 9 बजेंगे तो आप क्या करेंगे? मैं हंसकर कह देता हूं कि अरे भाई...आराम करूंगा, तो कभी कह देता हूं बाकी के बचे काम करूंगा। लेकिन सच ये है कि कल से मैं क्या करूंगा ये खुद नहीं जानता, मगर सच तो ये है कि रोज-रोज रात 9 बजे यहां आने की आदत जो पड़ गई है। कल से ये मंच ही नहीं मेरा मन भी सूना हो जाएगा।' 'पर सूने मन के किसी कोने में एक संतुष्टि है, वो ये कि कुछ हफ्ते ही सही इन खिलाड़ियों के जरिए मैंने हिंदुस्तान महसूस किया। किसी की विदाई जब होती है तो तकलीफ तो होती है, लेकिन उतनी नहीं जितनी तकलीफ देती हैं उससे जुड़ी यादें, बिताए हुए पल, बिताए हुए लम्हे। ये लम्हे, ये पल, हमारी याददाश्त बनकर हमारे मन और शरीर में सदा के लिए बस जाते हैं। 'देवियों और सज्जनों, आप सब बहुत याद आएंगे। हर बार याद आएंगे, बार-बार याद आएंगे। इसी के साथ मैं अमिताभ बच्चन, इस दौर के लिए मैं आपसे आखिरी बार कहने जा रहा हूं, शुभरात्रि, शुभरात्रि, शुभरात्रि।