नागरिकता संशोधन कानून पर सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस द्वारा दिल्ली में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गयी| देश भर में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच इस मीटिंग में विपक्षी नेता सीएए के के विरोध में संयुक्त रणनीति को औपचारिक रूप देने के लिए गहन विचार-विमर्श किया|
इस बैठक में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से उपेंद्र कुशवाहा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से जीतन राम मांझी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता पी. कुन्हलि कुट्टी, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख सिराजुद्दीन अजमल और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी. राजा सहित कुल 15 दलों के नेता शामिल हुए| इस बैठक से समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, बसपा और द्रमुक के नेता अनुपस्थित रहे|
बैठक के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि युवाओं की समस्या निपटाने की बजाय पीएम नरेंद्र मोदी देश की जनता को गुमराह कर ध्यान भटकाने और फूट डालने की कोशिश में जुटे हैं| उन्होंने कहा कि युवाओं की मांग जायज है उसे दबाने की बजाय केंद्र सरकार को सकारात्मक पहल करनी चाहिए| पीएम मोदी को चुनौती देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मौजूदा हालात में प्रधानमन्त्री को किसी भी यूनिवर्सिटी में बिना अपनी पुलिस और सुरक्षाकर्मियों के जाकर स्टूडेंट्स को यह बताएं कि देश के यूथ के लिए उनकी क्या विज़न है| भारतीय अर्थव्यवस्था क्यों चरमरा गई है उन्हें यह देश को बताना चाहिए| लेकिन, उनमें छात्रों के सामने खड़े होने की हिम्मत नहीं है|
बैठक में शामिल होने के बाद सीपीआई नेता डी. राजा ने पत्रकारों से कहा कि विपक्षी नेताओं ने नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी के खिलाफ 'देश बचाओ, लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ' की भावना के साथ 23, 26 और 30 जनवरी के दिन देश के नागरिकों को लामबंद करने का फैसला किया है|