नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत का आंतरिक मामला बताया है| अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने सीएए पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत सरकार ने ऐसा क्यों किया यह हमारी समझ से परे है और यह आवश्यक भी नहीं था| गौरतलब है कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री पहले ही इस मसले पर अपना वक्तव्य देकर यह स्पष्ट कर चुके हैं कि सीएए और एनआरसी भारत के आंतरिक मुद्दे हैं| साथ ही उन्होंने यह चिंता भी व्यक्त की थी कि देश में किसी भी अनिश्चितता से उसके पड़ोसियों को प्रभावित होने की संभावना होती है|
हालांकि इससे पहले पाकिस्तानी राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने कहा था कि भारत में नागरिकता अधिनियम, 1955 में हालिया संशोधन के तहत मुस्लिमों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर बांग्लादेश भी चिंतित है| बीते दिसंबर महीने में बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश के डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल शफीनुल इस्लाम ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताया था|