भूख से तड़पकर दो मासूमों की बिहार के बक्सर में मौत, लाचार माँ की समाज और सरकार से अब है एक ही गुहार ...

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

बक्सर/कोरानसराय : बक्सर जिले के कोरानसराय के महादलित बस्ती में अन्न के अभाव से जूझ रहे एक ही महादलित परिवार के भूख से बिलखकर दो  बच्चों की मौत हो गयी| स्थानीय लोगों ने बताया कि मृत बच्चों के पिता शिवकुमार पिछले दो माह से एक सड़क दुर्घटना के दौरान यातायात बाधित करने के आरोप में जेल में बंद है| ऐसे में परिवार में कोई कमाऊ सदस्य नहीं होने के कारण परिवार के समक्ष रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी और एक-एक कर अन्न के अभाव में बेवश माँ के सामने ही उनके दो मासूम बच्चों ने भूख से तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया|

गौरतलब है कि वर्ष 2005 यानि 13 वर्षों से बिहार न्याय के साथ तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहा है| बिहार के निजाम नीतीश कुमार, सत्ताधारी दल के नेता और सरकार के मंत्री अनेक अवसरों पर सजे मंचों से लगातार जनता को इस बात का एहसास समय-समय पर कराते हुए अक्सर देखे जाते हैं| इनका दावा है कि बिहार बदल रहा है, बिहार में विकास की बयार बह रही है, बिहार का ग्रोथ रेट देश मे सबसे अधिक है, अब तो बिहार में डबल इंजन की सरकार है, सात निश्चय योजनाओं से बिहार का सूरत संवर रहा है, गाँव-गलियों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जा रही है, शिक्षा-स्वास्थ्य की स्थिति और आम-आवाम के जीवन स्तर में बेहतरी आई है|

बिहार बदला है, बदल रहा है लेकिन बदलते इस बिहार का एक स्याह सच यह भी है कि इस बदले हुए बिहार में आज भी लोग भूख से बिलखने, तड़पने और अन्ततोगत्वा मौत की आगोश में असामयिक सोने को विवश हैं| ऐसी ही एक मनहूसियत खबर बिहार के बक्सर जिला मुख्यालय से मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोरानसराय थाना के मुसहरी टोला महादलित बस्ती से आई है, जंहा एक ही महादलित परिवार के दो मासूमों की मौत भूख से तड़प-तड़प कर हो गई। पहले जहाँ अन्न के अभाव में महादलित परिवार की तीन वर्षीय बच्ची की मौत भूख से तड़प-तड़प कर हो गयी वही अब इस गरीब महादलित परिवार का 5 वर्षीय बेटा भी भूख से बिलखते हुए काल कवलित हो गया|
मिली जानकारी के मुताबिक कोरानसराय थाना क्षेत्र में लगभग दो महीना पहले हुई एक सड़क दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन करने लगे, उस वक्त स्थानीय पुलिस इस महादलित परिवार के कमाने वाले दोनों व्यक्ति समेत 25 लोगों को जेल में डाल दी| पुलिसिया गिरफ्त में आयें लोगों ने अपनी जमानत तो करा ली लेकिन जानकारी के अभाव और आर्थिक तंगी के कारण इस परिवार से जुड़े लोगों की जमानत नहीं हो सकी|  नतीजतन मासूम बच्चों के समक्ष रोटी के लाले पड़ गयें और बच्चे भूख से मर गए।

भूख से हुई मौत की खबर सामने आने के बाद अब हर कोई हलकान है| मृत बच्चों की माँ ने बताया कि एक सप्ताह पहले वह कई जगह मदद की गुहार लगाई लेकिन हर ओर निराशा हाथ लगी| गाँव का डीलर जो पहले भूख से तड़पते बच्चों की माँ को मदद देना मुनासिब नहीं समझा अब वह आनन फानन में 20 किलो चावल और 20 किलो गेंहू पीड़ित परिवार को उपलब्ध करवाया है| मृत बच्चों की माँ बार-बार यही गुहार लगा रही है कोई उसके पति को जेल से निकलवा दे ताकि शेष बच्चों की जिंदगी बच सके|

वही डुमरांव अनुमंडल एसडीएम हरेन्द्र राम ने अब इस पूरे मामले की जाँच कराने की बात कही है| उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जाँच होगी और जो भो दोषी पाए जाएंगे उनपर सख्त करवाई होगी।


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