मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद सभाकक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 12वीं बैठक सम्पन्न हुयी। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी ने प्राधिकरण से संबंधित एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें प्राधिकरण की 10वीं एवं 11वीं बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुपालन प्रतिवेदन पर चर्चा हुई और अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गयी। प्राधिकरण की वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के प्रस्तावित बजट पर भी चर्चा हुई। इस दौरान बिहार आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोड मैप (2015-30) के अनुसरण में विभिन्न विभागों/एजेंसियों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की गयी। वही बैठक में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य उदय कांत मिश्रा ने अस्पतालों में आग से बचाव एवं जीवन सुरक्षा से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की इस बैठक में पहले उठाये गये विभिन्न बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया गया, जिसके आधार पर हमलोगों को आगे की कार्रवाई तेजी से करनी है। उन्होंने निर्देश देते हुये कहा कि राज्य के सभी अस्पताल भवनों एवं स्कूली भवनों का रैपिड विजुअल स्क्रीनिंग (आर0वी0एस0) प्राधिकरण द्वारा कराया गया है, उसके आधार पर तेजी से रेट्रोफिटिंग का काम कराया जाय। बी0एस0डी0एम0ए0 द्वारा इन कार्यों के लिये आवश्यक प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहयोग प्रदान किया जा रहा है। राज्य में आपदा के समय यहां के जो भी कर्मचारी/अधिकारी काम करते हैं, उनसे आपदा के काम में सहयोग लेना उचित होगा क्योंकि वे अपने अनुभव के आधार पर इसे बेहतर बनाने के लिये व्यावहारिक सलाह देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका समूह की दीदियों को आपदा से बचाव हेतु टेªनिंग देना काफी उपयोगी होगा। वे इस माध्यम से लोगों को जागरूक करने में भी मददगार होंगी। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण द्वारा प्रषिक्षण एवं क्षमतावर्द्धन के कार्यक्रमों को प्राथमिकता से करना चाहिये। कार्यभार संभालने के तत्काल बाद जिलाधिकारियों/जिले के वरीय पदाधिकारियों को आपदा से बचाव से संबंधित प्रषिक्षण करा दें ताकि जिले में इस संबंध में वे जागरूकता अभियान चला सकंे। आपदा राहत कार्य से जुड़े सभी सरकारी सेवकों का भी टेªनिंग करवा लेना चाहिये। नागरिक प्रषिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से सभी लोगों की भी टेªनिंग करायी जाय। नाविकों का निबंधन और उनकी टेªनिंग साथ-साथ हो। उन्होंने कहा कि सभी जगह सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम चलाया जाय और अभिभावकों के बीच जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है ताकि डूबने से होने वाली मौतों पर रोक लगायी जा सके।
उन्होंने कहा कि नये-नये घाटों को भी जल्द से जल्द चिन्हित करवा लें। जिला आपदा प्रबंधन योजना को भी कार्य योजना में शामिल किया जाय। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन संस्थान को डेवलपमेंट मैनेजमेंट इंस्टीच्यूट के साथ जोड़ने से काफी फायदा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी भवनों के जर्जर तारों को बदल दिया जाय ताकि बिजली से होनी वाली दुर्घटना को रोका जा सके। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकारण के साथ ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, भवन विभाग एवं संबंधित अन्य विभाग आग से बचाव एवं जीवन सुरक्षा के संबंध में अलग से एक बैठक कर लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल, जीवन एवं हरियाली के लिये लोगों के बीच अभियान चलाने की एक कार्य योजना बनायी जा रही है। इसमें प्राधिकरण के सुझावों को भी शामिल किया जायेगा।