पटना : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल की उपलब्धियों पर मधेपुरा सांसद सह जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय संरक्षक श्री पप्पू यादव ने जमकर हमला बोला। पटना स्थित आवास पर आयोजित संवददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में देश की सरकार ने लोगों के बीच सिर्फ अविश्वास पैदा किया है और देशवासियों को विकास के बदले मंदिर- मस्जिद, हिंदू- मुसलमान, शमसान-कब्रिस्तान, गाय-गंगा, दीवाली-ईद, डीएनए, जिन्ना, अल्पेश, जिग्नेश, पाटीदार जैसी चीजों में उलझा कर रखा। उन्होंने कहा कि इन चार सालों में सबसे ज्यादा नाइंसाफी देश के युवाओं और छात्रों के साथ हुई है। आज उनके सामने रोजगार का संकट है, इसलिए हम इस सवाल पर आगामी 15 जून से देशभर के युवाओं के बीच हस्ताक्षर अभियान चलायेंगे और 1 करोड़ हस्ताक्षर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे।
श्री यादव ने मोदी सरकार की उपलब्धियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश में आज एक व्यक्ति की मौत की कीमत चार – पांच लाख है और एक विधायक की कीमत 200 करोड़ रूपए है। उसी तरह देश में पिछले चार सालों में चुनाव का बजट 15000 करोड़ हो गया, जबकि देश के 48 करोड़ लोग पैसे के अभाव में एक समय भूखे सो रहे हैं। 34 करोड़ लोगों के पास एक डेसीमील जमीन नहीं है। बीते चार सालों में साढ़े 3 लाख किसान आत्म हत्या कर चुके हैं। युवाओं रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं। इन्हीं चार सालों में हिंदू – मुसलमान के अलावा सबसे ज्यादा जुल्म दलितों पर हुआ है। यूथ-छात्रों को निशाना बनाया गया। देश के बहुसंख्यक लोग आज खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। देश में सांप्रदायिक दंगों की संख्या बढ़ी और दंगाई को संरक्षण मिलने लगा है। क्या यही साफ नियत, सही विकास है?
सांसद ने कहा कि आजादी भारत में सीमा पर सबसे ज्यादा जवानों की शहादत इन्हीं चार सालों में हुई। इन चार सालों में भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने अपनी नीतियों से दोनों देशों के बीच तनाव बना कर रखा है। कश्मीर सबसे ज्यादा तनावपूर्ण स्थिति में है। उन्होंने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी ने देश की अर्थ व्यवस्था को पूरी तरह से अस्थिर कर दिया है। लोगों को अपनी मेहनत की कमाई के पैसे के लिए लाठियां खानी पड़ी। महंगाई चरम सीमा पर है। थाली से दाल – सब्जी गायब हो गए। आजादी के बाद आज पेट्रोल – डीजल सबसे महंगा हो गया। स्कील इंडिया से स्टार्ट इंडिया ठप्प पड़ गया। एजुकेशन से हेल्थ तक की हालत बदतर है। जेएनयू, एएमयू, बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित एजुकेशनल संस्थानों पर सबसे ज्यादा प्रहार किया गया, जो एक लोकतांत्रिक देश के लिए शर्मनाक है।
श्री यादव ने बिहार के संदर्भ पूछा कि आखिर जब दोनों जगहों पर एक जैसी सरकार है, तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने में क्या परेशानी है? इंफ्रास्टक्चर और हेल्थ के लिए क्यों नहीं बिहार को विशेष पैकेज मिल रहा है? आखिर बिहार के सबसे प्रतिष्ठित पटना विवि को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा क्यों नहीं मिला? ये अभी आज हमारा सवाल है और इसको लेकर हम आंदोलन भी करेंगे। मगर उससे पहले हम उन युवाओं – छात्रों के लिए एक चरणबद्ध आंदोलन करेंगे, जिनको इन चार सालों में सिर्फ धोखा मिला है। हम प्राइवेट मेंबर बिल के तहत लोकसभा में नेताजी सुभाषचंद्र बोस नेशनल एम्लॉयमेंट बिल 2018 लायेंगे, जिसमें मनरेगा के तर्ज पर देश के साक्षर व शिक्षित युवाओं को प्रत्येक वर्ष कम से कम 100 दिन का रोजगार दिलाना हमारी प्राथमिकता होगी। इसके अलावा हम मांग करते हैं कि संविधान का आर्टिकल 41 के तहत सरकार को राईट टू वर्क सुनिश्चित करना चाहिए।
सांसद ने रोजगार के लिए सुझाव देते हुए कहा कि लीज पर जमीन लेकर खेती के लिए युवाओ को देना चाहिए। इसके अलावा देश के प्रत्येक जिले में सरकार को कम से कम एक प्रोडक्शन यूनिट / मेनुफैक्चरिंग यूनिट खोलनी चाहिए। देश भर में डेयरी या फूड प्रोसेसिंग को ऑपरेटिव फॉर्म किसान मित्र जैसे पद सृजित किये जाने चाहिए। शिक्षा संबंधी कार्य की मॉनिटरिंग, काउंसिलिंग, हेल्थ केयर, समाज कल्याण से जुडी योजनाओं में शिक्षित युवाओं को लगाना चाहिए। ट्रेफिक मैनजेंट, सरकारी योजनाओं, एग्जामिनेशन, पेट्रॉल पंप, गैस पंप छोटे स्तर पर युवाओं को दिया जाना चाहिए। वहीं सर्वे कार्यों में स्कूली शिक्षकों की जगह शिक्षित बेरोजगार युवकों को लगाना चाहिए और हम मांग करते हैं कि देश के युवाओं को 100 दिन के कार्य के अलावा सालाना कम से कम एक लाख की राशि का गाइरंटी मिले। इसी को लेकर हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को एक करोड़ युवाओं का हस्ताक्षर सौंपेंगे। उसके बाद हम देश के विभिन्न हिस्सों में युवाओं के साथ चर्चा करेंगे।
संवाददाता सम्मेलन में पार्टी राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद, राष्ट्रीय महासचिव राघवेंद्र कुशवाहा, प्रेमचंद सिंह, अवधेश लालू, युवा शक्ति लखनऊ के संदीप पांडेय, धीरज पांडेय, गौरव सिंह, धीरू चौधरी, जयप्रकाश नायक उपस्थित थे|