देश की शीर्ष आईटी कंपनियों में शुमार इंफोसिस के पूर्व संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने कहा है कि उन्हें साल 2014 में कंपनी का चेयरमैन पद छोड़ने का अफसोस है. नारायणमूर्ति का कहना है कि चेयरमैन के पद से इस्तीफा देना उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल थी. उनका कहना है कि मुझे कुछ और साल तक चेयरमैन के पद पर बने रहना चाहिए था. नारायणमूर्ति ने अपनी निजी और पेशेवर गलतियों को याद करते हुए कहा कि उन्हें अपने साथी सह-संस्थापकों की बात सुननी चाहिए थी, जो उन्हें पद पर बने रहने की सलाह दे रहे थे. एक बिजनेस चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, आम तौर पर मैं बहुत भावुक किस्म का व्यक्ति हूं. मेरे अधिकतर निर्णय आदर्शवाद पर आधारित होते हैं. शायद मुझे अपने सहयोगियों की बात माननी चाहिए थी. बताते चलें कि 33 साल पहले छह अन्य साथियों के संग मिलकर इंफोसिस की स्थापना करने वाले मूर्ति ने 2014 में कंपनी के चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया था. बहरहाल, नारायणमूर्ति ने कहा कि हालांकि वह रोजाना इंफोसिस के परिसर में जाना नहीं भूलते हैं. गौरतलब है कि हाल ही में मूर्ति और कंपनी के मौजूदा प्रबंधन प्रमुख विशाल सिक्का के बीच कंपनी के कामकाज संचालन के मुद्दे को लेकर हुए विवाद की खबरें तब मीडिया में आयी थीं, जब कंपनी में कॉरपोरेट गवर्नेंस के मुद्दे पर मूर्ति ने खुलकर नाखुशी जतायी थी.