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विनोद शुक्ला/शहडोल। चार साल की मासूम बच्ची ठीक से चल सके इसके लिए परिजन उसका आधा हिस्सा दो फीट जमीन में रोज ड़ेढ-दो घंटे गाड़ रहे हैं। देशी इलाज के नाम पर बच्ची की जान से खिलवाड़ का ये सिलसिला पिछले एक सप्ताह से लगातार जारी है। डॉक्टर जहां इसे परिजनों का अंधविश्वास करार दे रहे हैं, वहीं इस देसी नुस्खे के पक्ष में परिजन के अपने तर्क हैं। मामला जिला मुख्यालय से लगे कल्याणपुर गांव का है। संभागीय मुख्यालय के बेहद पास के गांव का मामला होने के बावजूद अधिकारी इस घटना से अनजान हैं। रामलाल महरा की चार वर्षीय बेटी रिया का कमर से नीचे का हिस्सा बचपन से ही कमजोर है। इस वजह से वो अच्छे से चल तक नहीं पाती। क्या है बीमारीः इस बीमारी को मेनिंगो मायलोसील कहा जाता है। इसमें बाहर या अंदर की ओर रीढ़ की हड्डी