वैज्ञानिकों ने एक नया स्मार्टफोन एप विकसित किया है। इसके जरिये खून की कमी की समस्या एनीमिया की सटीक पहचान हो सकती है। इस बीमारी का पता लगाने में रक्त जांच की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। महज नाखूनों की तस्वीरों से ही एनीमिया का पता लगाया जा सकता है। अमेरिका की एमरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह एप विकसित किया है। रक्त जांच की जगह यह एप स्मार्टफोन से किसी व्यक्ति के नाखूनों की ली गई तस्वीरों से सटीक आकलन कर सकता है कि खून में हीमोग्लोबिन की कितनी मात्र मौजूद है? इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता विल्बर लैम ने कहा, ‘इस स्वचालित एप का नतीजा सटीक हो सकता है।’ आपको जानकर हैरत होगी कि दुनिया में दो अरब लोग एनीमिया से पीडि़त हैं। ऐसे में यह एप वरदान साबित हो सकता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस एप का इस्तेमाल क्लीनिकल डाइग्नोसिस में नहीं बल्कि स्क्रीनिंग में होना चाहिए। इस तकनीक का उपयोग कोई भी और किसी भी समय कर सकता है। यह एप खासतौर से गर्भवती महिलाओं के लिए उपयोगी हो सकता है।
क्या होता है एनीमिया
शरीर में फोलिक एसिड, आयरन व विटामिन-बी12 की कमी से एनीमिया रोग होता है। इस रोग में शरीर से रेड ब्लड सेल्स का लेवेल सामान्य से कम हो जाता है। एनीमिया का सबसे बड़ा कारण है, शरीर में खून की कमी होना। एनीमिया के कारण रोगी हमेशा थका हुआ महसूस करता है जिससे कार्यक्षमता प्रभावित होती है। एनीमिया में रोगी को ज्यादा से ज्यादा आयरन युक्त आहार लेने की सलाह दी जाती है। इससे खून की कमी को जल्दी पूरा किया जा सकता है। बढ़ते बच्चों, स्तनपान कराने वाली महिलाओं व बीमार व्यक्तियों में एनीमिया का खतरा ज्यादा होता है।
एनीमिया के लक्षण
शुरुआत में शरीर में खून की कमी होने पर कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन जैसे जैसे यह कमी बढ़ती जाती है इसके लक्षण भी बढ़ने लगते हैं। कमजोरी और थकावट महसूस होना, चक्कर आना, लेट के उठने पर आंखों के सामने अंधेरा छा जाना। सिर दर्द रहना, हृदय की धड़कन तेज या असामान्य होना, त्वचा व नाखूनों का पीला होना। हाथों और पैरों का ठंडा होना, आंखें पीली हो जाना, सांस फूलना, छाती में दर्द होना, महिलाओं में मासिक धर्म कम होना
एनीमिया होने पर इन 5 चीजों से करें परहेज
कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें खाने से इन पोषक तत्वों का शरीर में अवशोषण बाधित हो जाता है। आइए ऐसी की कुछ चीजों के बारे में जानें, जिन्हें एनीमिया होने पर नहीं खाना चाहिए।
ग्लूटेन एलर्जी सीलिएक रोग में देखी जाती है और यह आंतों की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे पोषण तत्व जैसे फोलेट और आयरन को ठीक से अवशोषित नहीं होते है। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो एनीमिया हो सकता है। ग्लूटेन गेहूं, जौ, राई, जई और इन अनाजों से बने खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इसलिए एनीमिया से पीड़ित लोगों को ग्लूटेन युक्त आहार के सेवन से बचना चाहिए।
फाइटेट या फाइटिक एसिड, आमतौर पर फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे होल-ग्रेन, वीट, फलियां, नट्स और ब्राउन राइस में पाया जाता है। सफेद चावल और सफेद आटा जैसे खाद्य पदार्थों से परिष्कृत संस्करण करके चोकर हटा दिया जाता है इसलिए इसमें फाइटिस एसिड कम होता है। पाचन तंत्र में फाइटेट्स आयरन के साथ मिलकर उसका शरीर में अवशोषण बाधित करता है। इसलिए आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया की समस्या में फाइटेट से भरपूर चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कैल्शियम आयरन के अवशोषण को बाधित करता हैं; इसलिए आयरन के कॉम्बो के साथ कैल्शियम युक्त खाद्य उत्पाद आपके द्वारा लिये जाने वाले आयरन के अवशोषण को प्रभावित करता है। यही कारण है कि कैल्शियम से युक्त आहार और आयरन के विभिन्न स्रोतों से मिलने वाले आहार को अलग-अलग अंतराल में लेना बेहतर रहता है। जैसे बीफ, बींस और दालों को दूध, पनीर और दही के साथ नहीं खाया जाना चाहिए।
ऑक्जेलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ भी आयरन के अवशोषण को प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं। इसलिए आयरन की कमी वाले लोगों को ऑक्जेलिक एसिड से बचने की सलाह दी जाती है। दवा के क्रोस के दौरान इन खाद्य पदार्थों से बचें।
टैनिन कई संयंत्र आधारित खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है, इसी कारण इन खाद्य पदार्थों में कसैला स्वाद आता है। यह ब्लैक और ग्रीन टी और कॉफी, अंगूर और वाइन और ज्वार और मक्के में पाया जाता है। लेकिन अगर आपको आयरन की कमी से एनीमिया है तो आपको इनके सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इनमें टैनिन होता है। टैनिन एक ऐसा घटक है जो शरीर में आयरन का ठीक प्रकार से अवशोषण नहीं होने देता।
एनीमिया का निदान के जरिए इससे पूरी तरीके से निजात पाया जा सकता है। बस जरूरत है अपने खान पान पर ध्यान देने की। अपने खाने हरे पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। आइए जानें इनके अलावा एनीमिया से कैसे निजात पा सकते हैं।