Tuesday, 3 December 2024, 9:53:10 pm

नीतीश सरकार के तुगलकी फैसले के खिलाफ COFFED से जुड़े 500 मछुआरों ने किया जल सत्याग्रह

रिपोर्ट: किरन पाण्डेय

मछुआ समितियों के साथ जलाशयों को बन्दोबस्त करे सरकार : ऋषिकेश कश्यप 

कैमूर : बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ (COFFED) के नेतृत्व में विभिन्न मछुआरा समितियों से जुड़े लगभग 500 सदस्यों ने दुर्गावती जलाशय की पूजा-अर्चना कर नीतीश सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया। कॉफ्फेड ने जल सत्याग्रह के माध्यम से विरोध प्रदर्शन कर नीतीश सरकार को आगाह किया है कि मछुआरों के हितों से खिलवाड़ न करें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकारी नियमों को ताक पर रखकर राज्य के जलाशयों की खुली डाक से बंदोबस्ती करना बंद करें। सरकार के इस मछुआरा विरोधी फैसले में माफियाओं को संरक्षण देने की मंशा साफ झलक रही है। मछुआरों से पारंपारिक रोजगार छिनने का निर्णय कर महागठबंधन की सरकार यह कैसा, किस प्रकार का और किसके लिए रोजगार सृजन कर रही है ?

कॉफ्फेड के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने कहा कि सरकार एक साल में 10 लाख लोगों को रोजगार देने की बात करती है दूसरी ओर जल माफियाओं के हितों के लिए काम कर रही है। इसके खिलाफ पूरे बिहार में जल सत्याग्रह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा। सरकार जल्द से जल्द स्थानीय दुर्गावती एवं जगदहवा (कोहिरा) जलाशयों सहित प्रदेश के अन्य जलाशयों की नीलामी बंद कर  मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के साथ बंदोबस्त करें।

 ऋषिकेश कश्यप ने कहा कि नीतीश सरकार बिहार जलकर प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन कर गरीब मछुआरों के साथ अन्याय कर रही है। बिहार जलकर प्रबंधन अधिनियम के अनुसार सभी जलाशयों को प्रखण्ड स्तरीय मछुआ समितियों के साथ बन्दोबस्त करने का प्रावधान है, लेकिन पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग जलाशयों, तालाबों एवं सदाबहार नदियों की बन्दोबस्ती खुली डाक से कर रहा है जो नियमों का घोर उल्लंघन है। कैमुर के दुर्गावती नदी में वर्ष 1990 से सरकार ने मछुआरों को मछली मारने की छुट दी गई थी पर जलाशय बन जाने के बाद सरकार की नियत बदल गई। इसका सीधा प्रभाव मछुआरों पर पड़ रहा है। इससे राज्य का गरीब मछुआ (निषाद जाति) समाज भुखमरी का शिकार हो रहा है।

बिहार जलकर प्रबंधन अधिनियम 2006 में राजग की सरकार में मछुआरों की जीविका को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था लेकिन राज्य सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा प्रदेश के गरीब मछुआ समाज को भुगतना पड़ रहा है। यह गरीब मछुआरों की जीविका पर आघात है।

श्री कश्यप ने कहा कि मछुआरा समाज को राजनीतिक पार्टियां वोट बैंक नहीं समझे, सभी पार्टियो को दलगत राजनीतिक से उपर उठकर मछुआरा समाज का साथ देना चाहिए।

जल सत्याग्रह में ब्रजेन्द्र नाथ सिन्हा, निदेशक, मदन कुमार, निदेशक, मुन्ना चौधरी, जिलाध्यक्ष, कैमूर, मुन्ना मल्लाह, चेनारी प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति, कृष्णा बिंद शिवसागर प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति, रामपुर प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष, शिवशंकर मल्लाह एवं मंत्री रामनाथ मल्लाह, भगवानपुर प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष बंशरोपन मल्लाह एवं मंत्री सोहन बिन्द, भभुआ प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष मोहन चौधरी.......

 मंत्री शिवमुनी चौधरी, कुदरा प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष गोरखनाथ चैधरी एवं मंत्री प्रदीप कुमार, मोहनिया प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष सुमन कुँवर एवं मंत्री मुन्ना चौधरी, चाँद प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष बब्लू मल्ली एवं मंत्री श्री नन्दु चौधरी, दुर्गावती प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष राजकुमारी देवी एवं मंत्री राधेश्याम मल्लाह, चैनपुर प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष, कैलाश एवं मंत्री, लालबाबू मल्लाह, अधौरा प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति चौधरी अध्यक्ष देवन्ति देवी एवं मंत्री शिवर्मूरत सिंह, नुआँव प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष वंश नरायण सिंह एवं  विकास कुमार सिंह, रामगढ़ प्रखण्ड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष रामराज चौधरी एवं मंत्री विजयमल चैधरी शामिल थे।


Create Account



Log In Your Account