भगवद् गीता प्रतियोगिता में मुसलिम बच्ची अव्वल मुंबई : एक तरफ जहां धर्म के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिशें हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर एक बच्ची सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रही है. मुसलिम परिवार में जन्मी बच्ची न सिर्फ इसे महसूस करती है, बल्कि उसकी यह दो पंक्तियां धर्म के नाम पर नफरत फैलानेवालों के लिए एक तमाचा है. वो कहती है ‘‘ ये पेड़, ये पत्ते, ये शाखें भी परेशान हो जाएं, अगर परिंदे भी हिंदू और मुसलमान हो जाएं ! ’’ हाल ही में इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशसनेस) की तरफ से गीता चैंपियन लीग प्रतियोगिता आयोजित की गयी जिसमें 195 स्कूलों के 4617 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया. 12 साल की बच्ची मरियम आसिफ सिद्दीकी ने प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार जीता है. प्रतियोगिता का उद्देश्य धार्मिक ग्रंथ भागवत गीता को लेकर स्टूडेंट्स के ज्ञान को जांचना था. मरियम कॉस्मोपोलिटन हाइस्कूल की छठी क्लास की छात्र है. वह धर्म ग्रंथ बाइबल और गीता पढ़ चुकी हैं जबकि कुरान के लेक्चर ले रही है. मरियम ने कहा, ‘‘ मुङो इस बात से दुख होता है कि हमारे धार्मिक ग्रंथ मानवता और दूसरों के लिए अपना जीवन त्यागने की बात करते हैं, लेकिन समाज में बहुत से लोग इन सीखों को गलत तरीके से लेते हैं.’’ यह प्रतियोगिता इस साल जनवरी में हुई थी, जिसका परिणाम पिछले दिनों जारी किया .