राजस्थान सरकार ने बुधवार को राज्य के किसानों को बड़ी राहत देते हुए उनके कर्ज माफ करने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद राजस्थान ऐसा तीसरा राज्य बन गया है, जहां बीजेपी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की है। राज्य में 13 दिन से चल रहे किसान आंदोलन और वसुंधरा राजे सरकार के बीच बुधवार रात समझौता हुआ कि सरकार किसानों के 50 हजार रुपए तक का कर्ज माफ करेगी। किसानों के कर्ज माफ करने से वसुंधरा सरकार पर 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इससे पहले यूपी सरकार पर किसानों का कर्ज माफ करने पर 36,000 करोड़ और महाराष्ट्र सरकार पर 34,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ा था। राज्य कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी ने कहा, "किसानों की मांग पर 50,000 रुपये तक के ऋण को माफ करने के लिए के लिए हम यूपी, महाराष्ट्र, पंजाब, केरल जैसे विभिन्न राज्यों द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाओं की स्टडी करेंगे।
इस स्टडी के लिए हमने एक समीति गठित की है जो एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। 14 जिलों में हो रहे इस किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान महासभा ने घोषणा की है कि वो इस आंदोलन को वापस ले रहे हैं। इस आंदोलन में शामिल किसानों की मांग थी कि सरकार उनका पूरा कर्ज माफ करे, फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करे, पशु व्यापार पर लगे बैन, पशु व्यापारियों की सुरक्षा, किसानों को मुफ्त बिजली और किसानों को पेंशन दे।