2019 में होनेवाले लोकसभा के चुनावी समर को देखते हुए अब तक चर्चाओं में ही पकनेवाली सियासी खिचड़ी अब कड़ाही में भी पकने लगी है| गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में दिल्ली भाजपा द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के घर से एकत्रित की गयी चावल से समरसता खिचड़ी पकाई गयी| भीम महासंगम नाम के इस कार्यक्रम के माध्यम से बीजेपी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को न सिर्फ पार्टी से जोड़ने का हरसंभव प्रयत्न करने में जुटी है बल्कि रामलीला मैदान में पकाई गयी समरसता खिचड़ी को पिछड़े वर्ग से जुड़े हज़ारों लोगों को खिलाई भी गयी| चाय पकोड़े के बाद भाजपा की यह समरसता खिचड़ी 2019 के लोकसभा चुनाव में कितना मददगार साबित होती है यह तो चुनावी नतीजा ही तय करेगा लेकिन भाजपा के इस कार्यक्रम से विरोधी परेशान हैं|
दिल्ली के रामलीला मैदान में बीजेपी के लिए नागपुर से आकर शेफ ने समरसता खिचड़ी पकाई| 10 बाई 10 फ़ीट और 850 किलो वजन वाली कड़ाही में नागपुर से आई 1000 किलो दाल चावल, 500 किलो सब्ज़ी, 200 किलो घी, 100 लीटर तेल, 200 किलो मसाले और 5000 हज़ार लीटर पानी डाला गया, कुल 5000 किलो खिचड़ी बनकर तैयार हुई|
बीजेपी ने इस कार्यक्रम को भीम महासंगम नाम दिया और खिचड़ी को समरसता, दावा किया जा रहा है कि पिछले 3 महीने से 28000 कार्यकर्ता दिल्ली-एनसीआर में पिछड़े वर्ग के 3 लाख लोगों के यहां से दाल चावल इकट्ठा कर रहे हैं और उसी से ये खिचड़ी तैयार हुई. कार्यक्रम में आखिर में खिचड़ी परोसी गयी, कई केंद्रीय मंत्रियों ने लोगों के बीच बैठकर खिचड़ी खाई.