SCO Summit 2022 : PM मोदी का पुतिन-जिनपिंग और शाहबाज शरीफ से होगा सामना

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी15 सितंबर से उज्बेकिस्तान के समरकंद  में शुरू होने वाली शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन-2022 (SCO Summit 2022) में शामिल होंगे. मौजूदा ट्रैवल शेड्यूल में पीएम की इस यात्रा के बारे में बताया गया है.

इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री 14 सितंबर को समरकंद पहुंचेंगे| शिखर सम्मेलन 15-16 सितंबर को होगा. शिखर सम्मेलन में भारत की उपस्थिति महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शिखर सम्मेलन के अंत में एससीओ की रोटेशनल प्रेसीडेंसी ग्रहण करेगा.

भारत सितंबर 2023 तक एक साल के लिए समूह की अध्यक्षता करेगा. अगले साल भारत एससीओ सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जिसमें चीन, रूस और पाकिस्तान के नेता शामिल होंगे. शिखर सम्मेलन के अलावा, विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठकें होंगी या नहीं, इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक होना तय मानी जा रही है.

बैठक के दौराना रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बदली भू-राजनीतिक स्थिति और इसके प्रभाव पर चर्चा हो सकती है. चूंकि एससीओ के कई सदस्य देश अफगानिस्तान के पड़ोसी है, इसलिए तालिबान शासन को लेकर बैठक में चर्चा हो सकती है. ताशकंद से 300 किलोमीटर दूर समरकंद में पिछले छह महीने से एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारी चल रही है.

शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 2001 में शंघाई में की गई थी. वर्तमान में इस संगठन नें आठ देश- चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. चार पर्यवेक्षक देश- अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया संगठन की पूर्ण सदस्यता में शामिल होने में रुचि रखते हैं. संगठन में छह देश- आर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की संवाद भागीदार की भूमिका में हैं. पिछले साल एक पूर्ण सदस्य देश के रूप में ईरान की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया गया था. वहीं, नए संवाद भागीदार के रूप में यह फैसला मिस्र, कतर और सऊदी अरब के लिए लिया गया था.


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