सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं क्लास के बचे हुए एग्जाम को कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. महाराष्ट्र, दिल्ली और ओडिशा ने परीक्षा कराने में असमर्थता जताने का हलफनामा दिया है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 10वीं और 12वीं की 1 से 15 जुलाई को होने वाली परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया है.
बता दें, सीबीएसई ने कक्षा 10वीं परीक्षाओं को पूरी तरह से कैंसिल करने का फैसला किया है, जबकि कक्षा 12वीं की परीक्षाएं अब वैकल्पिक होंगी.
बता दें, छात्रों के अभिभावकों ने कोरोना संकट को देखते हुए सीबीएसई परीक्षा रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा मुद्दे के कारण बची सीबीएसई परीक्षाओं को कैंसिल करने का आदेश दिया है. मंगलवार को इस पर कोर्ट में सुनवाई हुई थी.
सीबीएसई ने अंतिम निर्णय देने के लिए गुरुवार 25 जून तक का समय मांगा था. अब यह कहा है कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षा कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए पूरी तरह से कैंसिल कर दी गई है, लेकिन कक्षा 12वीं के छात्र वैकल्पिक रूप से सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के लिए उपस्थित हो सकते हैं.
इस साल सीबीएसई को बची हुई परीक्षा में देश भर में 31 लाख से अधिक छात्रों को शामिल होना था. वहीं जहां एक ओर सीबीएसई ने बची हुई परीक्षा को कैंसिल कर दिया है, वहीं इसका असर सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया के साथ-साथ जेईई मेन और नीट 2020 सहित राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा पर भी पड़ेगा.
दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच मनीष सिसोदिया ने मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र भी लिखा था, जिसमें सीबीएसई परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई थी.
पत्र में सिसोदिया ने लिखा था कि, " दिल्ली में छात्रों को स्कूल आधारित पिछले आंतरिक मूल्यांकन पर ग्रेड दिए जा सकते हैं. साथ ही इस तथ्य को भी भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि दिल्ली में 242 कंटेनमेंट जोन हैं. वहीं दिल्ली में हर रोज कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी भी देखी जा रही है.
दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और 31 जुलाई तक करीब 5.30 लाख मामले होने की संभावना है. ऐसी स्थिति में अगर छात्र या उसके परिवार में कोई पॉजिटिव हुआ तो उसे परीक्षा छोड़नी पड़ जाएगी. जिससे आगे और समस्या होगी."