पटना 18 जुलाई : भाजपा नेता व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि चारा घोटाला के चार मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को राजनीतिक कार्यों से अलग रहने की शर्त पर केवल इलाज के लिए जमानत मिली थी, लेकिन वे लगातार शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। राजद प्रमुख ने पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत से बात की और उसके बाद तेलगु देशम पार्टी के तीन सांसदों ने उनसे मुलाकात कर राजनीतिक चर्चाएं कीं। इस आधार पर सीबीआई को लालू प्रसाद की जमानत तत्काल रद्द करानी चाहिए।
श्री मोदी के अनुसार तेदेपा सांसदों ने स्वीकार किया कि उन लोगों ने हालचाल पूछने के नाम पर लालू प्रसाद से भेंट की और संसद के मानसून सत्र में संभावित अविश्वास प्रस्ताव पर उनकी पार्टी का समर्थन मांगा। बाद में इन सांसदों ने बिहार में नेता प्रतिपक्ष और लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि तेदेपा और राजद, दोनों दलों ने लालू प्रसाद से राजनीतिक बातचीत की पुष्टि कर यह साबित किया कि इन्हें जमानत की शर्तों का पालन करने की कोई परवाह नहीं है। यह अदालत की अवमानना का मामला भी है। इससे पहले लालू प्रसाद को सजा सुनाये जाने पर उनकी पार्टी के कई नेता न्यायपालिका पर जातीय भेदभाव का आरोप लगाने वाली टिप्पणी कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता होने के कारण लालू प्रसाद के चुनाव लड़ने पर पहले ही रोक लग चुकी है। उनकी जमानत की अर्जी खारिज करते हुए सीबीआई के जज यह टिप्पणी कर चुके हैं कि राजनीति करने और हाथी पर घूमने के लिए जमानत नहीं दी जा सकती। सीबीआई को लालू प्रसाद की सेहत और उनकी राजनीतिक गतिविधियों की समीक्षा कर तुरंत फैसला लेना चाहिए।