भारत-चीन सीमा विवाद के संदर्भ में कांग्रेस द्वारा उठाये गये प्रश्नों का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि एलएसी पर इतिहास की सबसे बड़ी सेना की तैनाती पीएम मोदी के नेतृत्व में संभव हुई है, राहुल गांधी के नहीं.
एस जयशंकर ने कहा कि कभी कहा जाता है कि सरकार रक्षात्मक है और कभी कहा जाता है कि सरकार उदार हो रही है. अगर हम उदार हैं तो LAC पर भारतीय सेना को किसने भेजा? राहुल गांधी ने आर्मी को नहीं भेजा, नरेंद्र मोदी ने भेजा. उन्होंने कहा, मैं सबसे लंबे समय तक चीन का राजदूत रहा और बॉर्डर मु्द्दों को डील कर रहा था। मैं ये नहीं कहूंगा कि मुझे सबसे अधिक ज्ञान है मगर मैं इतना कहूंगा कि मुझे चीन विषय पर काफी कुछ पता है. अगर राहुल गांधी को चीन पर ज्ञान होगा तो मैं उनसे भी सीखने के लिए तैयार हूं.
चीन का नाम ना लेने के आऱोपों का जवाब देते हुए एस जयशंकर ने कहा, उन्हें ‘C’ से शुरू होने वाले शब्दों को समझने में थोड़ी दिक्कत हो रही होगी. यह सच नहीं है. मुझे लगता है कि वे जानबूझकर स्थिति को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. यह सरकार सीमा के बुनियादी ढांचे के बारे में गंभीर है.
इसके अलावा उन्होंने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आपको क्या लगता है कि BBC डॉक्यूमेंट्री अचानक आया है. मैं ये बताना चाहता हूं कि चुनाव का समय भारत और दिल्ली में शुरू हुआ हो या नहीं, लेकिन न्यूयॉर्क और लंदन में जरूर शुरू हो गया है. किसी दूसरे माध्यम का इस्तेमाल कर राजनीति की जा रही है. आप किसी के मान सम्मान को धक्का पहुंचाने का काम कर रहे हैं और कहते हैं कि ये सत्य के लिए केवल एक खोज है जिसे हमने 20 साल बाद इस समय पर लाने का फैसला किया है.
ये सिर्फ एक राजनैतिक हथकंडा है, जो वैसे लोगों द्वारा की जा रही है जिनकी राजनीतिक क्षेत्र में आने की क्षमता नहीं है. वे खुद को बचाने के लिए कहते हैं कि हम एक NGO, मीडिया संगठन आदि हैं, लेकिन वे राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा, कई बार भारत में चल रही राजनीति यहां की नहीं बल्कि बाहर से आई होती है.विचार और एजेंडा बाहर से आए होते हैं. आप डॉक्यूमेंट्री ही बनाना चाहते हैं तो दिल्ली में 1984 में बहुत कुछ हुआ था. हमें उस विषय पर कोई डॉक्यूमेंट्री देखने को क्यों नहीं मिली?