जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर आखिरकार वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया। हालांकि, इससे पहले चीन ने 4 बार भारत की कोशिशों को तकनीकी कारण बताकर रोका था। चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है|सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पाक के बालाकोट में भारत की एयरस्ट्राइक के बाद मसूद अजहर को बहावलपुर में नजरबंद रखा गया था। उसे हाल में ही में इस्लामाबाद में किसी सुरक्षित जगह शिफ्ट किया गया है।
मसूद अजहर को यूएनएससी में वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने पर मशहूर कवि कुमार विश्वास ने पाकिस्तान पर चुटकी ली है. उन्होंने ट्वीट किया, 'पाकिस्तान कह रहा है कि मसूद अजहर पर ग्लोबल बैन से उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जबकि पूरी दुनिया ये मान ले कि तुम दहशतगर्दों के फूफा हो और तब भी तुम पर असर न पड़े यही नकटापन तो पाकिस्तान कहलाता है.'
वही फ्रांस की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले का स्वागत किया है। फ्रांस की तरफ से कहा गया है कि हम लगातार मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के लिए अपील कर रहे थे। फरवरी में हुए पुलवामा हमलेके लिए आतंकवादी संगठन का यह सरगना जिम्मेदार था। फ्रांस में 15 मार्च को ही मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
इसी साल ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव को 21 देशों ने समर्थन दिया था। प्रस्ताव पेश करने के साथ ही फ्रांस ने अपने देश में मसूद की संपत्तियां जब्त करने का फैसला भी लिया था।
बता दें कि किसी भी शख्स को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की एक प्रक्रिया है. यह प्रक्रिया यूएन के सुरक्षा परिषद में पूरी की जाती है. जहां यूएनएससी के स्थाई सदस्य यानी की अमेरिका,फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और रूस और 10 अस्थाई सदस्य वोटिंग करते हैं. किसी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए सभी स्थाई सदस्यों की सहमति जरूरी होती है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति प्रस्ताव 1267, जिसे आइएसआइएल (दाएश) और अलकायदा अनुमोदन सूची भी कहा जाता है, में उस व्यक्ति का नाम दर्ज करना होता है.
मसूद अजहर भारत में कई आतंकी हमलों को साजिश रचने के साथ उन्हें अंजाम दे चुका है। इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था। इसकी जिम्मेदारी भी मसूद के संगठन जैश ने ली थी। मसूद 2001 में संसद पर हुए हमले का भी दोषी है। इस दौरान नौ सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। इसके अलावा जनवरी 2016 में जैश के आतंकियों ने पंजाब के पठानकोट एयरबेस और इसी साल सितंबर में उरी में सेना के हेडक्वॉर्टर पर हमला किया था।