पटना : बिहार में लोक आस्था का महा छठपर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। चार दिनों तक चलनेवाला सूर्योपासना का महापर्व छठ अनुष्ठान बिहार का सबसे बड़ा पर्व है।
सम्पूर्ण भारत खासकर उत्तर भारत की अधिकांश आबादी लोक आस्था का पर्व मनाती है। कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद छठ महापर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह है| हालांकि इस बार भी पटना में कई छठव्रतियों को गंगा घाटो पर जाने वंचित रहना पड़ेगा। राजधानी पटना के कलेक्टेरियेट घाट समेत कई घाटों पर दलदल होने या पानी की गहराई अधिक होने के कारण घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है| जिला प्रशासन की तरफ से खतरनाक घाटों पर लोगों का आवागमन पूर्णतः वर्जित है|
छठव्रतियों द्वारा खरना किया जा रहा है। दानापुर (खगौल) स्टेशन स्थित जमालुद्दीन चक निवासी किरण कुमारी की छठपर्व में ऐसी आस्था है कि उनके यहाँ इस बार छठव्रत नही हो रहा है| बावजूद इसके पड़ोसी के यहाँ हो रहे छठ व्रत में वह बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं| उनके साथ-साथ घर के बच्चें भी छठव्रतियों को काफी सहयोग कर रहे हैं ताकि छठी मैया की कृपा उनके परिवार पर सदैव बनी रहे| जगह जगह पर मिट्टी के चुल्हे पर आम की लकड़ी की आग से पीतल के पात्र में गुड़ और दुध से मिश्रित खीर बनता दिखाई पड़ रहा है। इसी प्रसाद को ग्रहण कर व्रती तीन दिनो का निर्जला उपवास रखेगी| मान्यता है कि वंश की वृद्धि के लिए सूर्य की उपासना की जाती है।
जमालुद्दीन चक, मोहम्मदपुर कुर्जी सहित आस-पास के इलाकों में छठ व्रतियों के लिए छठ घाट सजधज कर तैयार हो चुका है। छठ पूजा समिति के सदस्यों, आमजनों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में घाट को सजाने सवारने को लेकर दिन-रात कार्य किया जा रहा है ताकि सहूलियत के साथ जल स्रोत में खड़े हो छठ व्रती अर्घ्य देंगे। वहीं रौशनी एवं महिलाओं के कपड़े चेंज करने की भी व्यवस्था घाट पर की गई है। छठ व्रतियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नही हो इन सभी का विशेष तौर पर ख्याल रखा गया है।
लोक आस्था के महापर्व छठ के लिए घाटो की लगातार सफाई की जा रही है| पटना के गंगा घाटों की साफ-सफाई कर मुस्लिम महिलाओं ने एकता का संदेश दिया.एकता की मिसाल कायम करते हुए यहां नकाब लगाए मुस्लिम महिलाओं ने गंगा घाट जाने वाले रास्तों पर झाड़ू लगाकर साफ सफाई कर सौहार्द की मिसाल पेश की. पटना सिटी के आदर्श घाट पर मुस्लिम महिलाएं लगातार कई सालों से महापर्व छठ पूजा के मौके पर घाटों की सफाई करते आ रही हैं ताकि छठ व्रती महिलाओं को परेशानी न हो. इस दौरान दौरान गंगा-जमुनी तहजीब देखने को मिली|
लोक आस्था के इस पावन अवसर पर विभिन्न राजनैतिक एवं सामाजिक संगठनों ने छठव्रतियों के लिए सुप व नारियल का वितरण कर रहें हैं। कोविड-19 के कारण लगभग दो सालों के बाद इस तरह का माहौल देखने को मिल रहा है| देश के सबसे बड़े बड़े त्यौहार में छठ भी शामिल है| उत्तर भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में छठ व्रत का सबसे ज्यादा प्रचलन है| भारी संख्या में लोग बाहर से छठपर्व को मनाने के लिए अपने घर आते हैं