शिलान्यास के करीब 12 साल बाद भी दीघा रेल सह सड़क पुल चालू नहीं हो सका है. दावा किया जा रहा है कि इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. बस एप्रोच रोड का काम बाकी है. तीन महीनों के अंदर इसे चालू कर दिया जायेगा. लेकिन, प्रभात खबर की टीम ने बुधवार को जब निर्माण स्थल पर जाकर पड़ताल की, तो हकीकत कुछ और ही निकला. इंजीनियरों के मुताबिक इसे चालू होने में एक साल और लगेगा. पटना: गंगा नदी पर बन रहे दीघा रेल सह सड़क पुल का निर्माण पूरा होने में कम-से-कम एक साल का समय और लग सकता है. रेल वाले भाग में अब तक सिर्फ 20 स्पैन पर स्लैब ढलाई का काम पूरा हुआ है, जबकि 16 स्पैन पर स्लैब ढालना अभी बाकी है. वहीं, सड़क वाले भाग में अभी स्लैब का काम शुरू भी नहीं हुआ है. सबसे बड़ी समस्या एप्रोच रोड को लेकर है. दीघा साइड में तो मिट्टी भराई का काम तो चल रहा है, लेकिन छपरा साइड में अभी जमीन का अधिग्रहण भी नहीं हो पाया है. ऐसी स्थिति में रेलवे द्वारा तय समयसीमा मार्च, 2015 तक यह पुल को चालू कर पाना संभव नहीं दिखाता. पुल पर काम कर रहे एक इंजीनियर ने बताया कि पुल में बननेवाले कुल 36 स्पैन तो बना दिये गये हैं. लेकिन, इसके रेल वाले भाग में पूर्वी साइड में स्लैब ढालने का काम पूरा हो गया है, जबकि पश्चिमी साइड में स्लैब ढालने का काम बाकी है. पश्चिमी साइड में दीघा की ओर से 11 और छपरा की ओर से नौ स्पैन पर स्लैब ढलाई का काम पूरा हो गया है, जबकि 16 स्पैन पर स्लैब ढलाई का काम बाकी है. पुल का काम देख रही सीएनसी कंपनी के अधिकारियों की मानें, तो एक स्पैन पर स्लैब ढलाई में एक माह का समय लगता है. इस तरह स्लैब ढलाई का काम पूरा होने में 12 से 15 माह और लग सकता है. पश्चिमी साइड में 600 मीटर ही ट्रैक बिछा पुल पर काम करनेवाले इंजीनियर ने बताया कि पूर्वी साइड में रेल लाइन बिछाने का पूरा हो गया है, लेकिन पश्चिमी साइड में रेल लाइन बिछाने चल रहा है. इस साइड में पौने पांच किलोमीटर में से महज 600 मीटर ट्रैक बिछाया गया है. पुल पर काम कर रहे मजदूर ने बताया कि दोनों साइड में तीन-तीन मीटर का वाकिंग-वे भी बनना है. लेकिन, इसका काम भी अधूरा पड़ा है. इससे मजदूरों को काम करने में परेशानी हो रही है. वाकिंग-वे के निर्माण कार्य को बीएससी कंपनी देख रही है. कंपनी के ठेकेदारों का कहना है कि वाकिंग-वे बना रहे मजदूरों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है. इससे मजदूर आये दिन काम ठप कर हंगामा करने लगते हैं. इसके अलावा एक्सटेंशन प्वाइंट, क्रॉस बेरियर का काम भी बाकी है. यह तो रेल वाले भाग का हाल है. इसके ऊपर सड़कवाले भाग में स्लैब ढलाई का काम अभी शुरू भी नहीं हुआ है. इंजीनियरों की मानें, तो रेल लाइन का काम पूरा होने के बाद ही उसके ऊपर सड़क के लिए स्लैब ढाला जायेगा. एप्रोच रोड को लेकर 29 को बैठक पुल के दीघा साइड में सड़क बनाने का काम हो रहा है. सबसे अधिक समस्या छपरा साइड की ओर है. जहां छपरा जिला प्रशासन द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं कराने में परेशानी हो रही है. एनएचएआइ ने पहले रेलवे के सहयोग से उसकी जमीन पर अस्थायी एप्रोच रोड बनाने का निर्णय लिया था, लेकिन रेलवे की ओर से सहमति नहीं मिलने के कारण यह काम पेंडिंग में पड़ गया. अब एनएचएआइ जमीन अधिग्रहण करने के बाद ही एप्रोच रोड का निर्माण कराने का विचार कर रही है.इधर पथ निर्माण विभाग ने एप्रोच रोड के निर्माण में हो रही देरी को लेकर इसका निर्माण अपने स्तर से कराने पर विचार कर रहा है. पिछले दिनों विभागीय मंत्री ललन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में एप्रोच रोड के निर्माण के लिए डीपीआर बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया. अधिकारियों द्वारा तैयार डीपीआर पर 29 जनवरी को विमर्श होना है. सोनपुर व छपरा को जायेंगी ट्रेनें दीघा व पहलेजा को जोड़नेवाला पुल सड़क व रेल मार्ग दोनों से जुड़ा होगा. ऐसे में पुल का निर्माण अगर समय पर पूरा हो जाता, तो जाम से भारी निजात मिलेगी. इधर मुगलसराय से पटना तक ट्रैक पर गाड़ियों की क्षमता भी बहुत ज्यादा है. ऐसे में पटना जंकशन व दानापुर से दीघा रेल रूट को जोड़ कर ट्रेनों को सीधे छपरा व सोनपुर की ओर से ले जाया जायेगा. पाटलिपुत्र जंकशन से सीधे जुड़नेवाले रेल पुल को सोनपुर व छपरा रूट से भी जोड़ा जायेगा. इधर गांधी सेतु कभी भी हो सकता है बंद उत्तर व दक्षिण बिहार को जोड़नेवाले महात्मा गांधी सेतु की स्थिति खराब है. पश्चिमी लेन के साथ पूर्वी लेन में भी झुकाव आ गया है. अभी पुल पर 10 चक्के के ट्रकों का परिचालन बंद है. पश्चिमी लेन में मरम्मत का काम चल रहा है. मरम्मत को लेकर गांधी सेतु को बंद करने का प्रस्ताव एजेंसी ने दिया गया है. इस स्थिति में बिहार सरकार ने इसके दोनों साइड पीपा पुल बना कर आवागमन चालू रखने की घोषणा की है. गंगा नदी में अप एंड डाउन दो पीपा पुल बनाने की तैयारी की जा रही है. क्या कहा था रेल राज्यमंत्री ने अगर प्रदेश सरकार एप्रोच रोड बना दे, तो तीन महीने के अंदर दीघा-सोनपुर पुल को चालू कर दिया जायेगा. रेलवे की ओर से इसके सारे काम पूरे कर लिये गये हैं. मनोज सिन्हा, रेल राज्यमंत्री (11 जनवरी, 2015, दरभंगा में)