असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोगों के ज़ेहन में बसता है जिन्ना का जिन्न : गिरिराज सिंह

रिपोर्ट: रमेश पाण्डेय

आज 14 सितंबर को पूरे देश-दुनिया में हिंदी दिवस मनाया गया| वही हिंदी दिवस के अवसर पर ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहाद उल मुसलमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विवादित बयान देते हुए कहा कि भारत हिंदी, हिन्दू और हिंदुत्‍व से कहीं अधिक बड़ा है| ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा कि हिंदी सभी भारतीयों की मातृभाषा नहीं है. क्‍या आप लोग देश में बोली जाने वाली अन्‍य मातृभाषाओं की विविधता और सौंदर्य की प्रशंसा करने की कोशिश कर सकते हैं. उन्‍होंने कहा कि आर्टिकल 29 हर भारतीय को अलग भाषा, स्क्रिप्‍ट और संस्‍कृति का अधिकार देता है|

ओवैसी के विवादित बयान सामने आने के बाद पलटवार करते हुए भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ओवैसी जैसे लोगों के ज़ेहन में जिन्ना का जिन्न बसता है. ऐसे लोग राष्ट्रीयता की बात क्या करेंगे. यह वही ओवैसी हैं जो संसद में राष्ट्रीयता, 370, कॉमन सिविल कोड का मुद्दा उठते ही सदन की कार्यवाही छोड़कर वहां से निकल जाते हैं. जब भी एक भारत की बात आती है तब जिन्ना का जिन्न निकलकर इनके चेहरे और इनकी जुबान पर परिलक्षित होने लगता है| 

दरअसल, हिंदी दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने देशवासियों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी देश को एकता की डोर में बांधने का काम करती है| PM मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को हिंदी दिवस की बधाई देते हुए लिखा कि भाषा की सरलता, सहजता और शालीनता अभिव्यक्ति को सार्थकता प्रदान करती है. हिंदी ने इन पहलुओं को खूबसूरती से समाहित किया है." 

हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक देश  के लिए एक आम भाषा होना बेहद जरूरी है जो दुनिया में अपनी पहचान का प्रतीक बन जाए. शाह ने कहा कि उत्तर-पूर्वी राज्य के हर बच्चे को हिंदी सिखाई जाएगी. अमित शाह के इसी बयान पर ओवैसी ने विवादित टिप्पणी की है|

अमित शाह ने ट्वीट किया, "आज हिंदी दिवस के अवसर पर मैं देश के सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि हम अपनी- अपनी मातृभाषा के प्रयोग को बढाएं और साथ में हिंदी भाषा का भी प्रयोग कर देश की एक भाषा के पूज्य बापू और लौह पुरूष सरदार पटेल के स्वप्न को साकार करने में योगदान दें." 


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