मुंबई। आमिर खान ऐसे कलाकार हैं जो अपने किरदार के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। वो किरदार के साथ पूरा न्याय करने के लिए कुछ सीखने में भी पीछे नहीं रहते।फिल्म में किसी प्रकार की बनावतीपन न हो इसलिए उन्होंने अपनी आने वाली फिल्म 'पीके' के लिए भोजपुरी भाषा सीखी है। आमिर को विचार आया था कि किरदार को भोजपुरी भाषा दी जाए, जिससे ये मजेदार बने और लोग इसे आसानी से समझ भी सकें। आमिर पिछले दो सालों से भोजपुरी टीवी लेखक शांति भूषण से भोजपुरी सीख रहे हैं। भूषण ने आमिर को इस भाषा की बारीकियां समझाई हैं। उन्होंने भाषा और इसके उच्चारण पर बहुत मेहनत की है। दोनों फिल्म के शूट के बीच में इसकी प्रैक्टिस भी करते रहते हैं क्योंकि ये भाषा काफी पेचीदा है और इसे बोलने का ढ़ंग अलग है। शांति भूषण ने बताया, 'राजू जी (राजकुमार हिरानी) ने मुझे विधु विनोद चोपड़ा के ऑफिस में फोन किया और इस बारे में बताया। उन्होंने मुझे 'पीके' के डायलॉग्स दिए और उसे भोजपुरी-हिन्दी भाषा में अनुवाद करने के लिए कहा, जिसे दर्शक समझ सकें। भोजपुरी सीखाने के अलावा मैंने आमिर को दो महीने उनके घर पर उच्चारण की ट्रेनिंग भी दी। वो अपनी सुविधा के हिसाब से डायलॉग्स में बदलाव करते थे।' भूषण ने आगे कहा, 'आमिर को मेरी जरूरत महसूस हुई इसलिए उन्होंने मुझे उनके साथ शूट पर भी चलने के लिए कहा। आमिर इतने समर्पित हैं कि वो ब्रेक में और तैयार होते समय भी अपनी लाइनें याद करते रहते थे। मुझे याद है पिछले साल हमें पुणे में एक कार्यक्रम में शामिल होना था, जहां उन्हें दलाई लामा से मिलना था। उन्होंने मुझे सफर में साथ चलने के लिए कहा ताकि वो सफर के दौरान अपना समय इस भाषा को सीखने में बिता सकें। आमिर को ये भाषा बहुत पसंद है और ट्रेलर में जो वो 'टुकुर टुकुर' कह रहे हैं, वो उनका पसंदीदा डायलॉग है।'