पटना : मछुआरा दिवस के अवसर पर स्थानीय मीन भवन पटना में कॉफ्फेड द्वारा विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मछुआरा दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में राज्य के कोने-कोने से मत्स्यपालन उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों ने विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से भाग लिया। समारोह में राज्य में मत्स्यपालन की वर्तमान स्थिति, मत्स्यपालन में आनेवाली समस्याएं एवं उनके समाधान पर मत्स्यपालकों ने आपस में विचार-विमर्श किया।
मछुआरा दिवस का उद्घाटन कॉफ्फेड के प्रबंध् निदेशक-सह-फिशकोफेड, नई दिल्ली के निदेशक ऋषिकेश कश्यप निषाद ने किया एवं उनके द्वारा मछुआरों के हित में किए गए कार्यो को विस्तार पूर्वक बताया एवं मछुआरों को आश्वस्त किया कि मछुआरों के हितार्थ लड़ाई जारी रखेगें। श्री निषाद ने कहा कि मछुआरा दिवस का मुख्य उद्देश्य राज्य में मत्स्यपालन के जरिये मत्स्य उत्पादन को आत्म-निर्भरता की सीमा तक बढ़ाना, जलाशयों एवं विलुप्त हो रहे मछलियों का संरक्षण प्रदान करना। समुद्र, गंगा एवं अन्य नदियों को प्रदूषण से मुक्त कराना, मत्स्यपालन के क्षेत्रा में रोजगार सृजन कर मछुआरों का राज्य से पलायन को रोकना एवं तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त करना, आवास, सामुदायिक भवन एवं अन्य नागरिक सुविधाएं उपलब्ध् कराना है। नीली क्रांति लाना, मछलियों का बीमा एवं विपणन, मछुआरों का सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य बीमा, पेंशन एवं ग्लोबल वार्मिग से हो रहे नुकसान के प्रति सरकार एवं समाज का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उनका सामाधन ढुँढ़ना। पृथ्वी का दो तिहाई भाग पानी से भरा है एवं पानी में मछली का उत्पादन होता है, जो प्रोटीन का सर्वोत्तम साधन है।
मालूम हो कि 10 जुलाई को मछुआरा दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है। उसी दिशा में कदम बढ़ाते हुये कॉफ्फेड ने भी आज का समारोह आयोजित किया। समारोह को संबोधित करते हुये कॉफ्फेड के प्रबंध् निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने कहा कि उच्च न्यायालयए पटना के आदेश के आलोक में परम्परागत मछुआरों की सूची जारी किया जाय एवं राज्य के सभी मत्स्यजीवी सहयोग समिति से गैर मछुआरों को निष्कासित की जाए। मात्र एक रूपये का टोकन राशि लेकर जलकरों की बन्दोवस्ती की जाय, भूमिहीन मछुआरों को पांच डीसमिल जमीन उपलब्ध् कराया जाय एवं मछुआरा आवास निर्माण किया जाय। गंगा नदी सहित अन्य नदियों में निःशुल्क शिकारमाही हेतु परिचय पत्रा निर्गत किया जाय। केन्द्र प्रायोजित राहत एवं बचत योजना लागू किया जाय। गोताखोरों की नियुक्ति की जाय। सरकारी तलाबों को अतिक्रमण मुक्त किया जाय एवं उसे जीर्णोद्धार किया जाय।
श्री कश्यप ने कहा की मत्स्य फसल बीमा योजना को कॉफ्फेड/फिशकोफेड के माघ्यम से लागु किया जाए। प्रधानमन्त्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत देश के ऐक्तालिस लाख मछुआरों का बीमा किया गया है। जिसमें बिहार राज्य का एक लाख मछुआरों का बीमा शामिल है। बिहार में मछुआरों की आबादी एक करोड़ पच्चहत्तर लाख है। इसलिए बीमा की सम्भावनाएं अधिक है, इसलिए राज्य सरकार से अनुरोध् किया गया है कि इनकी संख्या कम-से-कम पन्द्रह लाख किया जाए। हाल ही में भारत सरकार एवं भारतीय जीवन बीमा निगम ने मिलकर कॉफ्फेड/फिशकोफेड को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना लागू करने के लिए नोडल एजेंसी घोषित किया है जिसके अन्तर्गत कुल वार्षिक प्रिमियम 330 रू0 में 165 रू0 भारत सरकार द्वारा भुगतान करने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार से अनुरोध् किया है शेष 165 रू0 राज्य सरकार द्वारा भुगतान किया जाए ताकि मछुआरों को इस योजना का लाभ निःशुल्क मिल सके। कॉफ्फेड के प्रयास से जल्द ही राजधानीवासियों को जिन्दा एवं ताजी मछली मुहैया करायी जाएगी| इसके लिए मछली बाजार नाम से एप विकसीत किया गया है जिसे शीघ्र ही प्रारम्भ कर दी जाएगी। इस अवसर पर कॉफ्फेड से जुड़े तेरह लाख सदस्यों को मैसेज एवं वाट्सएप के माध्यम से मछुआरा दिवस का बधाई संदेश भेजा गया। श्री कश्यप ने आगे कहा कि भारत सरकार के निर्णय के आलोक में मत्स्यपालकों को जल्द-से-जल्द मत्स्य किसान क्रेडिट कार्ड निर्गत किया जाय।
इस मौके पर मछुआरों की आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास से संबंधित चर्चा भी की गई। इस कार्यक्रम में कॉफ्फेड के मीडिया प्रभारी जयशंकर के अलावे देवेन्द्र कुमार, सीमा कुमारी, अमरजीत कुमार, राकेश कुमार, मृत्युंजय कुमार, पवन कुमार, प्रियंका कुमारी, विद्या कुमारी, अजीत सिन्हा, अनिमेश प्रकाश, गुड्डु कुमार, अभय कुमार, शिवम कुमार, अभिलाषा सिंह, अजय कुमार मंडल इत्यादि उपस्थित थे।