पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य के मुद्दे पर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं| संवाददाता सम्मेलन कर जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने यह आरोप लगाया है| उन्होंने कहा कि राजनितिक लाभ लेने के लिए समय-समय पर नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का राग अलापते रहे हैं| अगर वाकई वे विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर गंभीर है और उन्हें बिहार के मान-सम्मान का जरा भी ख्याल है तो भाजपा से तत्काल किनारा कर लेना चाहिए|
पटना स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान नीतीश कुमार से ‘सवा लाख करोड़ रूपए के स्पेशल पैकेज’ पर भी स्थिति साफ करने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर दलितों – महादलितों को मिले संवैधानिक अधिकारों व आरक्षण को खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया| उन्होंने कहा कि पार्टी दलितों – महादलितों के अधिकार व सम्मान के लिए आगामी 2 जुलाई को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में ‘दलित – महादलित अधिकार बचाओ’ सम्मेलन करने जा रही है। राज्य की 34 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करती है। यहाँ आजीविका का मुख्य साधन कृषि है, मगर बाढ़ और सूखाड़ की मार के साथ ही कृषि और किसानों के प्रति ज्य सरकार की उदासीन रवैये के कारण कृषि विकास दर चिंताजनक है। राज्य में रोजगार के अवसर, आधारभूत संरचना, कौशल की भारी कमी है। वर्ष 2000 में झारखंड के अलग होने के बाद उद्योगों की स्थापना न के बराबर हुई, जिसके कारण राज्य विकास के पैमाने पर पिछड़ते चला गया। ऐसे में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री की मंशा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा देने का अधिकार जब प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय विकास परिषद को है, तब नीतीश कुमार नीति आयोग और वित्त आयोग में गुहार लगाकर राज्य की जनता को गुमराह कर रहे हैं। इस मसले पर उन्हें सीधे प्रधानमंत्री से बात करना चाहिए।
अनिल कुमार ने दलितों- महादलितों के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आज देश में दलित और महादलित तबके के लोग डरे हुए हैं। बिहार में तो नीतीश कुमार ने दलित – महादलित और पिछड़ा – अति पिछड़ा का इस्तेमाल अपने राजनीतिक खेल के लिए किया है। एक ओर सरकारें दलित उत्थान की बातें कर रही हैं, दूसरी ओर सरकारी आंकड़े भी देश की सरकार के दावों की पोल खोलती हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, साल 2016 में दलितों पर 746 फीसदी अत्याचार के मामलों में वृद्धि हुई।
संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय मंडल, प्रदेश उपाध्यक्ष जगनारायण पटेल और एससी – एसटी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष उमेश दास मौजूद थे।