कोरोना संकट में जनता कंगाल और नेताओं के साथ अधिकारी हो रहे हैं मालामाल : एडीपी

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पटना : कोरोना काल में लोगों को राहत पहुंचाने के नाम पर बिहार में सरकारी खजाने का धड़ल्ले से हो रहा है बंदरबाट| असली देशी पार्टी ने यह आरोप लगाते हुए नीतीश सरकार पर निशाना साधा है| एडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच भेड़-बकरियों की तरह बाहर से बिहार के श्रमिकों को लाया जा रहा है, यह किस प्रकार का सोशल डिस्टेंसिंग है? कोरोना संकट में बिहार की जनता कंगाली के कगार पर पहुँच चुकी है जबकि सत्ता पक्ष से जुड़े नेता और मंत्रियों के साथ मिलीभगत कर अधिकारी मालामाल हो रहे हैं| उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में बने क्वारंटाइन सेंटर लूट का अड्डा मात्र बनकर रह गया है| क्वारंटाइन सेंटर पर 14 दिनों तक क्वारंटाइन किये जानेवाले लोगों को किसी प्रकार की सहूलियत नसीब नहीं हो रही है| साफ़-सफाई का भी घोर अभाव है| सुविधा के नाम पर सिर्फ बड़े-बड़े विज्ञापनों के जरिये दुष्प्रचार किया रहा है और नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द परिक्रमा करनेवाले अधिकारी खोखले दावे कर सहायता राशि को मिलीभगत कर लूटने में लगे हुए हैं|  

श्री यादव ने कहा कि कुछ दिन पहले विभिन्न राज्यों में फंसे बिहार के प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए मुख्यमंत्री ने बड़ी-बड़ी बातें कही, वे सभी घोषणाएं सिर्फ कागजों पर ही सिमट कर रह गई हैं| बिहार में रेलवे स्टेशनों से प्रवासी श्रमिकों को क्वारंटाइन केन्द्रों या होम क्वारंटाइन हेतु उनके घरों तक पहुंचाने के लिए कोई सुविधा नहीं है| लोग पैदल या निजी संसाधनों से अपने घर पहुँच रहे हैं और सरकार सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी कर चेहरा चमकाने में जुटी है| उन्होंने कहा कि राशन कार्डधारी परिवारों के खाते में 1,000 रूपये की मदद देने की बात हो या असामयिक वर्षापात एवं ओलावृष्टि से किसानों की फसल क्षति के लिए कृषि इनपुट अनुदान देने का मामला हो, हर मोर्चे पर बिहार सरकार फेल्योर साबित हो रही है| सरकार के नाक के नीचे राजधानी पटना के सड़कों एवं फूटपाठों पर अनेकों गरीब, मजदूर और प्रवासी श्रमिक आर्थिक टंगे के कारण भूख से बिलख रहे हैं| लेकिन नीतीश कुमार अपनी कुर्सी बचाने की कवायद में जुटे हैं, उन्हें बिहार के गरीब, मजदूर, बदहाल किसान, बेरोजगार नौजवान की समस्याओं से कोई वास्ता नहीं है| जन समस्याओं के प्रति सरकारी अधिकारियों के उदासीन रवैये से पूरे बिहार में अराजकता का माहौल व्याप्त है जिसके कारण जनता में आक्रोश है|  


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