पटना। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बिहार को विशेष पैकेज की घोषणा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की भाजपा सरकार का \'पैकेजिंग\' बताया है। उन्होंने कहा कि सभी को मालूम है कि केंद्र में पैकेजिंग की ही सरकार चल रही है। वे (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) इसके उस्ताद हैं, क्योंकि जिन परियोजनाओं के लिए इस विशेष पैकेज की बात कही गई है उसमें कुछ भी नया नहीं है। कई परियोजनाओं को मिलाकर उसकी पैकेजिंग की गई है। इस पर उन्होंने तंज किया, \'कानी गइया के अलगे बथान\'। नीतीश ने केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में विगत सोमवार को आहूत बैठक को भाजपा की बैठक करार दिया और कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो उस बैठक में भाजपा के दो नेता भाग नहीं लेते। मुख्यमंत्री ने फिर साफ शब्दों में कहा कि हमें विशेष राज्य के दर्जे से कम कुछ भी नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोकामा में राजेंद्र सेतु के समानांतर एक और पुल बनाने की बात तो तभी से चल रही है, जब विधानसभा में विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव राज्य में पथ निर्माण मंत्री थे। इसी तरह बरौनी फर्टिलाइजर कारखाना का मामला भी पिछले कई वर्षों से चल रहा है। एक सरकारी कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने पिछले दिनों प्रधानमंत्री से अपनी मुलाकात के दौरान उन्हें एक पत्र के साथ अपना ज्ञापन भी सौंपा था। ज्ञापन में मैंने लिखा था कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के कारण बिहार को जो क्षति हो रही है, उसकी भरपाई होनी चाहिए। मैंने बिहार को बीआरजीएफ की राशि बंद किए जाने पर भी सवाल उठाए थे, क्योंकि यह राशि बंद नहीं की जा सकती है। यह राशि हमें अधिनियम के जरिए मिल रही थी। इसे बंद करना गैरकानूनी है। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा वहां स्थानीय नीति के हवाले से बिहारियों के लिए नौकरी के रास्ते बंद किए जाने पर नीतीश ने कहा कि इस तरह का एलान लोगों के मौलिक अधिकार पर हमला तो है ही, साथ ही यह पूरी तरह गैरकानूनी भी है। वे (रघुवर दास) भले ही झारखंड विधानसभा चुनाव में अपनी जीत का जश्न मनाएं; लेकिन वह जीत नहीं, बल्कि उनकी हार थी। लोकसभा चुनाव में उन्हें 57 विधानसभा सीटों में बढ़त हासिल थी, जो विधानसभा चुनाव में घटकर महज 37 हो गई। बाद में उन्होंने झारखंड विकास मोर्चो के विधायकों को तोड़कर किसी तरह बहुमत का आंकड़ा प्राप्त कर लिया है। ----------------- बच्चों को स्वस्थ्य रखने के लिए हमें केंद्र पर निर्भरता छोडऩी होगी : नीतीश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमें अपने बच्चों के टीकाकरण और उन्हें स्वस्थ्य रखने के लिए केवल केंद्र सरकार के पैसों पर ही निर्भर नहीं रहना है। अगर केंद्र सरकार इसके लिए पैसे नहीं देती है तो हम अपने खजाने से धन खर्च करेंगे। इसके लिए अपने स्तर से दवाओं और वैक्सीन की खरीद की जाएगी, ताकि बिहार अगले दो वर्षों में देश के उन पांच चुनिंदा राज्यों में शामिल हो सके, जहां बच्चों के टीकाकरण का औसत 99 से सौ प्रतिशत तक है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को राज्य के उन 14 जिलों के लिए \'मिशन इंद्रधनुषÓ का शुभारंभ कर रहे थे, जहां बच्चों के टीकाकरण का औसत न केवल राष्ट्रीय औसत से बल्कि राज्य के औसत से भी काफी कम है। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इन 14 जिलों में राज्य के वे नौ ऐसे जिले भी शामिल हैं, जहां हर साल सैकड़ों बच्चों की मौत जापानी इंसेफ्लाइटिस से हो रही है।