फैमली कोर्ट ने एक महिला का पति से भरण-पोषण राशि दिलाए जाने का केस इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया कि चरित्रहीन साबित होने वाली पत्नी को इस तरह का लाभ नहीं दिया जा सकता। यह आदेश फैमली कोर्ट कटनी के प्रधान न्यायाधीश अरविन्द शुक्ला की अदालत ने पारित किया। मामले की सुनवाई के दौरान पति की ओर से अधिवक्ता डॉ.अनुवाद श्रीवास्तव व राहुल श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि जिस आवेदिका महिला ने फैमली कोर्ट में भरण-पोषण राशि दिलाए जाने की गुहार लगाई है, उसके विवाह के पहले से किसी गैर मर्द से नाजायज ताल्लुकात रहे हैं। जब पति को इस बारे में भनक लगी तो उसने विरोध शुरू किया। लिहाजा, आवेदिका महिला ने उसे दहेज एक्ट में फंसाने की धमकी देने का तरीका अपनाया। बहस के दौरान बताया गया कि महिला अपने पति के प्रति वफादार नहीं रही। ऊपर से पति के खिलाफ दहेज एक्ट का केस भी रजिस्टर्ड करा दिया। जिससे पति मानसिक प्रताड़ना झेल रहा है। अब भरण-पोषण राशि की मांग कर रही है। कायदे से जो पत्नी पति के प्रति ईमानदार साबित न हो वह भरण-पोषषण राशि की हकदार नहीं रह जाती। पति के वकीलों ने दलील दी कि महिला परिवार परामर्श केंद्र में मामला चलने के दौरान अपने विवाह से पूर्व व पश्चात जारी रहे अवैध संबंध की बात स्वीकार कर चुकी है। चूंकि यह तथ्यात्मक सबूत उपलब्ध है, अत: उसकी रोशनी में चरित्रहीनता साबित पाकर भरण-पोषण राशि की मांग का केस खारिज किए जाने लायक है। कोर्ट ने दलीलों से सहमत होकर महिला का केस खारिज कर दिया।