शिमला. बर्फबारी की खबर पाते ही पर्यटकों के चेहरे खिल उठते हैं। वे उन जगहों पर पहुंच जाते हैं जहां उन्हें बर्फबारी का मजा मिल सके, लेकिन पर्यटक कई बार इससे जुड़े खतरों को नजर अंदाज कर देते हैं जो कई बार जानलेवा साबित होता है। तीन दिन पहले हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बर्फबारी के चलते मनाली गए 10,000 पर्यटकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सभी पर्यटक रास्ते में ही फंसे गए थे और वे हाइवे के दोबारा शुरू होने का इंतजार करते रहे। ठंड शुरू होते ही पूरे भारत से लोग शिमला, कुल्लू और मनाली जैसे पर्यटन स्थलों पर जाना शुरू कर देते हैं। अगर आप भी ऐसी कोई प्लानिंग कर रहे हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसी जानकारियां जो बर्फ में फंसने पर काम आ सकती हैं। 1. क्या करें जब बर्फबारी के दौरान आपकी गाड़ी बंद हो जाए अगर मौसम खराब हो जाने की वजह से बीच रास्ते में आपकी गाड़ी बंद हो जाए तो बाहर निकलकर खुद प्रयत्न करने की अपेक्षा आप गाड़ी के अंदर ही बैठे रहें और मदद का इंतजार करें, अगर मदद न मिल पाए तो गाड़ी को बैक ऐंड फोर्थ मोशन (गाड़ी को कई बार आगे-पीछे किया जाता है, जिससे गाड़ी बर्फ से बाहर निकल सके। यह उपाय गाड़ी के चारों तरफ ज्यादा बर्फ जम जाने पर अपनाया जाता है।) की सहायता से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सकता है। मोबाइल का नेटवर्क काम कर रहा हो तो मदद के लिए 108 या 100 नंबर डायल कर अपनी लाकेशन की जानकारी दें। 2. बर्फ में फंसे हों तो कैसे बिताऐं रात अगर मौसम ज्यादा खराब हो और मदद न मिलने की स्थिती आपको रात विषम परिस्थितियों में ही गुजारनी पड़े तो सबसे पहले बर्फबारी से बचने के लिए टेंट का प्रयोग करें। टेंट न होने पर किसी गुफा में पनाह लें, हिलस्टेशन पर ऐसी गुफाऐं आसानी से मिल जाती हैं। कैप्टन अमित डोगरा ने बताया कि रात में बाहर का टेम्प्रेचर शून्य से नीचे होता है, जो कि जानलेवा होता है। वहीं, जब आप किसी प्राकृतिक गुफा में पनाह लेते हैं तो गुफा के तापमान और बाहर के तापमान में लगभग 10 डिग्री का अंतर आ जाता है। 3. क्या करें जब सड़क पर फिसल रही हो कार या बाइक बर्फबारी के चलते सड़कों पर बर्फ की एक परत चढ़ जाती है, जिसकी वजह से उनपर चलने वाले वाहन फिसलने लगते हैं। सबसे पहले टायर से कुछ हवा निकाल दें। हवा निकालने पर टायर का प्रेशर कम हो जाता है और टायर का सरफेस एरिया बढ़ जाता है, जिससे उसे अधिक पकड़ मिलती है। बर्फीले इलाके में कार से जा रहे हों तो अपने साथ स्नो चेन (लोहे की चेन जिसे टायर पर चढ़ाया जाता है) लेकर जाएं। स्नो चेन से टायरों को अधिक पकड़ मिलती है और कार बर्फ पर नहीं फिसलती। अगर पास स्नो चेन नहीं है तो कार की गति धीमी रखें और आसपास पड़ी रेत या मिट्टी को टायरों के आगे डालकर वाहन को सावधानी से आगे बढ़ाऐं। इन सब उपायों के बाद भी अगर गाड़ी लगातार फिसल रही हो तो किसी पेशेवर ड्राइवर की मदद लें। 4. बर्फीले इलाके में जा रहे हों तो साथ रखें 3-4 दिनों का राशन बातचीत के दौरान कैप्टन डोगरा ने पर्यटकों को अपने साथ 3-4 दिनों का राशन (ड्राय फूड) और जितना हो सके उतना पानी या अन्य लिक्विड डाइट रखने की सलाह दी। उन्होंने पर्यटकों को आग जलाने के साधन जैसे लाईटर या माचिस भी अपने साथ रखने को कहा ताकि ठंड से बचने के लिए आग जलाया जा सके। आग जलाने के लिए आस-पास पड़ी सूखी लकड़ी एकत्र करें और इसे कार या बाइक के डीजल या पेट्रोल का प्रयोग कर जलाएं। गर्म कपड़ों की व्यवस्था भी उचित होनी चाहिए खासतौर पर बच्चों के लिए। 5. ट्रैफिक एडमिनिस्ट्रेशन और मौसम विभाग की चेतावनी पर ध्यान दें कैप्टन डोगरा ने बताया कि आमतौर पर मौसम खराब होने की सूचना पहले ही दे दी जाती हैं, लेकिन कुछ पर्यटक इस चेतावनी को दरकिनार कर आगे बढ़ जाते हैं, जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर पर्यटक ट्रैफिक एडमिनिस्ट्रेशन और मौसम विभाग की चेतावनी पर ध्यान देंगे तो ऐसी स्थिती में फंसने से बचा जा सकता है। अपने साथ ट्रैफिक एडमिनिस्ट्रेशन का नंबर अवश्य रखें जिससे मौसम से जुड़ी सूचनाएं पाने में आसानी हो।