पटना : आम आदमी पार्टी के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता डॉ शशिकान्त ने बिहार सरकार के द्वारा 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों के सेवानिवृत्त वाले कानून पर कड़ा विरोध किया है। उहोंने इस कानून को रॉलेक्ट ऐक्ट/काला कानून की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा कि साल में दो दफे (1)सत्यनिष्ठा का संदिग्ध होना (2) कार्य क्षमता या आचार जैसे विंदुओं पर समीक्षा की जाएगी। डॉक्टर शशिकान्त ने कहा कि कार्यपालिका को राजनीतिकरण करने का एक साजिश है । उन्होंने कहा कि हमारा संविधान सरकार के तीनों अंगों को विधायिका,कार्यपालिका तथा न्यायपालिका को स्वतंत्र माना है। उन्होंने कहा कि इस तरह कार्यपालिका के कामों में दखल देना,कार्यपालिका के स्वतंत्रता को छीनना है । सरकारी कर्मचारियों की छँटनी कर उसके पेट पर लात मारने जैसा है, जो कहीं से भी न्यायोचित नहीं दिखता। इस कानून के बनने से सरकार की मंशा स्पष्ट हो रहा है कि सरकार की वितीय स्थिति चरमरा गई है ।
सरकार को पहले से पता है कि 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों की कार्यक्षमता घट जाती है तो फिर समीक्षा समिति बनाने की जरूरत ही क्या है ? उन्होंने कहा कि समीक्षा समिति बनाना सिर्फ़ एक नाटक है, इस कानून का असल मक़सद जबरन कर्मचारियों की छँटनी करना है| आम आदमी पार्टी, बिहार के इस काले कानून बापस करने की मांग करती है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इस कानून के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका फाईल करेगी या फिर कर्मचारियों के पक्ष में एक बड़ा आंदोलन करने को वाध्य होगी ।