पटना: शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ0 श्रवण कुमार ने हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की नसीहत दी है| गौरतलब है कि पटना सहित पूरे बिहार में आसमान से बरस रही आग राहगीरों के लिए आफत बन गई है। बदन को झुलसा देनेवाली सूरज की तपिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है जिसको देखते हुए पटना में 10 मई से ही स्कूलों में ग्रीष्मावकाश की घोषणा कर दी गयी है| दरअसल, पटना का अधिकतम पारा करीब 44 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है|
बढ़ते तापमान और पछुआ हवा के कारण चल रहे लू के थपेड़ो से बचाव को ध्यान में रखते हुए डॉ0 श्रवण कुमार ने लोगों को कई सलाह दिए हैं| चिकित्सक की माने तो खुले शरीर धूप में न निकलें, धूप में निकलने पर सिर अवश्य ढंके, आंखों पर सनग्लासेस लगाएं, सफेद या हल्के रंग के कॉटन के कपड़े अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह ना जाएं, एसी में बैठे रहने के बाद तुरंत धूप में ना निकलें, कच्चा प्याज रोज खाएं, ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, अधिक गर्मी में मौसमी फल, फल का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी, आम का पन्ना पिएं या आम की चटनी खाएं|
वही डॉ0 श्रवण कुमार ने बच्चों के प्रति विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि बच्चे को बाहर का खाना न खाने दें और खुले में मिलने वाला जूस न पिलाएं, बाहर निकलने से पहले हमेशा अपने साथ पानी की बोतल रखें और थोड़ी-थोड़ी देर में बच्चों को पानी पिलाएं| इसके अलावा बच्चों को घर में बना नींबू पानी पिलाएं और बच्चों की डाइट में तरबूज और खीरा शामिल करें| गुलाब के शरबत का प्रयोग करें, यह शरीर की तासीर को भी ठंडा रखता है, बच्चों को खाली पेट बाहर न जाने दें, पानी में ग्लूकोज मिलाकर पिलाएं, ग्लूकोज से शरीर को ऊर्जा मिलती है|
हीट स्ट्रोक के लक्षण : 103 डिग्री फेहरनहाइट या इससे अधिक बुखार, गर्म, लाल, शुष्क त्वचा, धड़कनें तेज चलना, बेचैनी, भ्रम की स्थिति, तेज, हल्की सांस लेना, बेहोशी, चक्कर आना, उलटी, सिरदर्द (जिसकी वजह से वह चिड़चिड़ा हो सकता है), सुस्ती (नाम लेने या छुए जाने पर शिशु शायद उतनी शीघ्रता से प्रतिक्रिया न दे), साथ ही शरीर में पानी की कमी होने के लक्षणों पर भी ध्यान दें|