पटना : उपेंद्र कुशवाहा के जदयू व एमएलसी पद से इस्तीफ़ा देने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने इंटरनेट मीडिया के जरिये अपनी प्रतिक्रिया दी है. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि माननीय उपेंद्र कुशवाहा जी का समर्थक मैं कभी नहीं रहा। भाजपा जदयू गठबंधन रहते हुए जब भी मैं नीतीश कुमार जी के बारे में कुछ बोलता था तो उपेंद्र कुशवाहा जी ही आगे आकर नीतीश कुमार को बचाने में लग जाते थे। श्री कुशवाहा के हिम्मत की दाद देते हुए उन्होंने लिखा कि आज स्थितियां बिल्कुल अलग है। लेकिन मैं आज उपेंद्र कुशवाहा जी की जीवटता मानने के लिए मजबूर हूं।
डॉ जायसवाल ने लिखा कि वह विधान पार्षद किसी दल के द्वारा नहीं बने थे बल्कि राज्यपाल द्वारा नामित थे। वह चाहते तो उनको इस्तीफा देने की कोई आवश्यकता नहीं थी। राज्यपाल के द्वारा नामित होने के कारण वह अपना 6 वर्षों का विधान परिषद का कार्यकाल आराम से पूरा कर सकते थे।लेकिन तेजस्वी जी को नीतीश कुमार जी के द्वारा मुख्यमंत्री घोषित करने के साथ ही जो विवाद शुरू हुआ था उसकी आज चरम परिणति है ।
उन्होंने लिखा कि इस विवाद में उपेंद्र कुशवाहा जी का बिना आवश्यकता होते हुए भी विधान परिषद से इस्तीफा देना मेरी नजरों में आज वह बड़े व्यक्ति बन गये हैं।जिन्होंने भी 1990 से लेकर 2005 तक संघर्ष में नीतीश कुमार जी का साथ दिया है उनका विकेट गिरना तय है क्योंकि वह सब लालू यादव जी के विरोधी रहे हैं और यह सरकार लालू जी रिमोट से चला रहे हैं।"