पद से हटाये जाने के बाद सुजाता सिंह का पहला बयान, जल्दी सेवानिवृत्ति मांगी थी

रिपोर्ट: साभारः

नयी दिल्ली: सरकार द्वारा विदेश सचिव के तौर पर कार्यकाल पहले ही समाप्त किये जाने के एक दिन बाद सुजाता सिंह ने आज दावा किया कि उन्होंने वास्तव में जल्दी सेवानिवृत्ति की मांग की थी. सुजाता सिंह को उनका दो साल का कार्यकाल समाप्त होने से लगभग सात महीने पहले कल रात तत्काल प्रभाव से विदेश सचिव पद से हटा दिया गया. उन्होंने विदेश सेवा में अपने साथियों को भेजे विदाई मेल में अचानक सेवा समाप्त किये जाने का कोई उल्लेख नहीं किया है. अमेरिका में भारत के राजदूत एस जयशंकर को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने आकस्मिक फैसले में नया विदेश सचिव नियुक्त कर दिया. सुजाता सिंह को हटाये जाने की कांग्रेस ने आलोचना की है. सुजाता ने 28 जनवरी के ईमेल में कहा कि उन्होंने 38 साल की सरकारी सेवा के बाद जल्दी सेवानिवृत्ति की मांग की थी. उन्होंने अपने विदाई संदेश में उत्साहजनक तरीके से विदेश सेवा के बारे में लिखा है. उन्होंने ईमेल में लिखा, ‘‘मेरा मानना है कि इस सेवा के प्रमुख के रुप में और मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ नौकरशाह होने के नाते विदेश सचिव की राजनीतिक नेतृत्व के साथ मुख्य सूत्रधार होने में तथा आपस में जुडे हुए सभी पहलुओं को लेकर भारत की विदेश नीति के हितों को संज्ञान में लेते हुए उद्देश्यपरक परामर्श देने में अहम भूमिका होती है.’’ सुजाता ने कहा, ‘‘व्यक्ति संस्था को बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है लेकिन मेरा मानना है कि कोई भी संस्था से बडा नहीं होता.’’


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