बीजिंग. जापान और भारत के बीच एक संभावित डिफेंस डील पर चीन ने कड़ा एतराज जताया है। जापान 12 \'शिनमायवा यूएस-2\' रिसर्च एंड रेस्क्यू एयरक्राफ्ट भारत को बेचना चाहता है। कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि जापान डील करने के लिए इस एयरक्राफ्ट की कीमत कम कर सकता है। अब चीन का कहना है कि अगर इस डील का मकसद साउथ चाइना सी मुद्दे पर बीजिंग के ऊपर दबाव बढ़ाना है तो हम इसे नीचा दिखाने वाला कदम मानेंगे। फिलहाल 6689 करोड़ रुपए की है यह डील... - चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री की स्पोक्सपर्सन हुआ छुनइंग ने मंगलवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा- \'हमने इस बारे में आई रिपोर्ट को देखा है। हमें दो देशों के बीच नॉर्मल डिफेंस कोऑपरेशन पर कोई एतराज नहीं है।\' - \'लेकिन अगर ये रिपोर्ट सही है कि कोई इसके जरिए हमें हमारे हक से महरूम करना चाहता है तो यह हमें नीचा दिखाने वाली बात होगी।\' - हुआ से यह सवाल किया गया था कि नई दिल्ली के साथ सिक्युरिटी कोऑपरेशन मजबूत करने के लिए टोक्यो उसे 12 शिनमायवा यूएस-2 रिसर्च एंड रेस्क्यू एयरक्राफ्ट सस्ती कीमतों पर बेचने का विचार कर रहा है, इस पर चीन का क्या नजरिया है? - बता दें कि कुछ दिनों पहले आई इस रिपोर्ट के बाद अब जापान और भारत के बीच 1.6 अरब डॉलर (6689 करोड़ रुपए) की यह डील होने के आसार बढ़ गए हैं। चीन ने और क्या कहा? - हुआ ने कहा- \'ऐसी खबर है कि जापान सरकार भारत को हथियार बेचने के लिए कीमत घटा सकती है और इसका मकसद साउथ चाइना सी मुद्दे पर चीन पर दबाव बढ़ाना है तो यह चीन को टारगेट करना हुआ। हमारी नजर में ऐसी कोई भी कोशिश सही नहीं है।\' क्या आई थी रिपोर्ट? - कुछ दिनों पहले मीडिया में जापान के डिफेंस मिनिस्ट्री के सोर्सेज के हवाले से एक रिपोर्ट आई थी। - इसमें कहा गया था कि भारत के साथ 12 शिनमायवा यूएस-2 एयरक्राफ्ट्स की डील जापान किसी आर्थिक फायदे के लिए नहीं कर रहा है। - \'भारत के साथ जापान के फ्रैंडली रिलेशन है। इसलिए एयरक्राफ्ट्स की कीमतें कम करने पर विचार किया जा सकता है। इससे न केवल डील आगे बढ़ेगी बल्कि दोनों देशों के रिलेशन भी और गहरे होंगे।\' - \'जापान और भारत, दोनों ही चीन के साथ जमीन विवाद को लेकर उलझे हुए हैं। अगर डील होती है तो इससे चीन को भी यह मैसेज जाएगा कि दोनों के बीच डिफेंस और सिक्युरिटी रिलेशन बेहद मजबूत हैं।\' डील पर कहां तक पहुंची बात? - 2016 की शुरुआत में ही भारत ने इस एयरक्राफ्ट की ऊंची कीमत और टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर को लेकर चिंता जताई थी। जिसके बाद डील अटक गई थी। - पीएम नरेंद्र मोदी की इसी साल हुई टोक्यो विजिट के बाद इस पर सौदेबाजी आगे बढ़ी थी। - अब मीडिया रिपोर्ट में जापान सरकार का नया रुख सामने आने के बाद भारतीय नौसेना की योजना 2017 से 2022 के बीच इस एयरक्राफ्ट को खरीदने की है।