नई दिल्ली : चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अब शीर्ष अदालत में जजों की निर्धारित संख्या (31) पूरी हो गई है। नए जजों में जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं। कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने इन चारों नामों को मंगलवार को हरी झंडी दे दी थी जिसपर बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चार जजों की नियुक्ति के लिए आदेश जारी किया था। शीर्ष अदालत में 11 वर्ष बाद पहली बार जजों की संपूर्ण संख्या होगी। अभी तक सुप्रीम कोर्ट 27 जजों के साथ काम कर रहा था।
दरअसल, सरकार ने 2008 में सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 26 से बढ़ाकर 31 की थी। इसके बाद यह पहला मौका है, जब सुप्रीम कोर्ट में जजों का कोई पद खाली नहीं है। वरिष्ठता क्रम के मुताबिक, जस्टिस गवई 2025 में 6 महीने के लिए चीफ जस्टिस बनेंगे। वह जस्टिस (रिटायर्ड) केजी बालकृष्णन के बाद अनुसूचित जाति से आने वाले दूसरे सीजेआई होंगे। इसके बाद जस्टिस सूर्यकांत उनके उत्तराधिकारी होंगे और नवंबर 2025 से फरवरी 2027 तक सीजेआई का पद संभालेंगे। जस्टिस गवई बॉम्बे हाईकोर्ट के जज, जबकि जस्टिस सूर्यकांत हिमाचल प्रदेश हाईकोेर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।