मुंबई : बैंकिंग प्रणाली की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) मार्च, 2016 तक घटकर चार प्रतिशत पर आ जाएंगी. रिजर्व बैंक ने आज कहा कि वृहद आर्थिक संकेतकों में सुधार से बैंकिंग प्रणाली का चूका ऋण घटेगा. रिजर्व बैंक ने आज अपनी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में कहा, ‘‘ऋण जोखिम के वृहद दबाव परीक्षण से पता चलता है कि अगले वित्त वर्ष में कुल वृहद आर्थिक परिदृश्य सुधरेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च, 2016 तक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकांे की सकल गैर निष्पादित आस्तियां घटकर चार प्रतिशत पर आ जाएंगी, जो सितंबर, 2014 के अंत तक 4.5 प्रतिशत पर थीं. हालांकि, रिपोर्ट में चेताया गया है कि यदि वृहद आर्थिक परिस्थितियां और खराब होती हैं, तो अत्यंत दबाव की स्थिति में बैंकों की सकल गैर निष्पादित आस्तियां मार्च, 2016 तक बढकर 6.3 प्रतिशत पर पहुंच जाएंगी.